नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में चल रहे हाई लेवल ड्रामे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार शारदा चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के साथ सहयोग करें। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि सीबीआई न ही बल प्रयोग करेगी और न ही पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है। वो केवल उनसे पूछताछ कर सकती है। उनसे शिलॉंग स्थित सीबीआई दफ्तर में ही पूछताछ की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ममता बनर्जी, मोदी सरकार और बीजेपी अपने-अपने तरीके से देख रहे हैं और अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। कोलकाता में धरने पर बैठी ममता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जनता की जीत है, लोकतंत्र और संविधान की जीत है। वो इसे अपनी जीत क्यों बता रही हैं, ये पूछे जाने पर ममता ने इसके कई कारण गिनाए। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि ममता सरकार के खलिाफ अदालत की अवहेलना का मामला दर्ज किया जाए, जिसे अदालत ने नहीं माना। सीबीआई ने राजीव कुमार के खलिाफ ढेर सारे आरोप लगाए थए जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने किसी तीसरी जगह पर राजीव कुमार से पूछताछ की बात की है जिसके लिए राजीव कुमार और पश्चिम बंगाल सरकार हमेशा तैयार थी। अब शिलॉंग में राजीव कुमार से पूछताछ होगी। सीबीआई की मंशा थी कि राजीव कुमार को गिरफ्तार करेगी। लेकिनए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती है।
वहीँ, दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इसे सीबीआई की जीत करार दिया है।केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि इस मामले में आपराधिक साजिश और मनी लॉंड्रिंग की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे। इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये सीबीआई के लिए बड़ी नैतिक जीत है। सरकार के मंत्री होने के नाते रविशंकर की प्रतिक्रिया भले ही सधी हुई हो पार्टी के तौर पर बीजेपी काफी आक्रामक दिखी। पार्टी महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ममता से इस्तीफे की मांग कर डाली है। सीबीआई इस विवाद को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मंगलवार के लिए टाल दिया था।