देहरादून: मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में कैम्पा (कॉम्पेनसेट्री एफोरेस्टेशन फण्ड मैनेजमेंट एण्ड प्लानिंग अथॉरिटी) के स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हुई। सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव ने ए.एन.आर. (असिस्टेड नेचुरल रिजनरेशन) पर विशेष बल दिया। गड्ढे खोदकर पेड़ लगाने के बजाय प्राकृतिक पुनरोत्पादन किया जाय। बाजार की मांग के अनुसार क्लस्टर आधार पर वृक्षारोपण करें। उन्होंने चुलु, रीठा, दाड़िम, तिमला, तेजपाल, हिसालू, काफल, च्युड़ा, भीमल आदि के पौधरोपण करने के निर्देश दिए। कहा कि इससे स्थानीय लोगों की आमदनी बढ़ेगी। पलायन कम होगा। जंगली जानवरों को खाने के लिए मिलने से मानव वन्य जीव संघर्ष भी कम होगा। राज्य की 12000 वन पंचायतों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
बैठक में वर्ष 2018-19 के लिए 211.30 करोड़ रुपये की कार्य योजना का अनुमोदन दिया गया। साथ ही वर्ष 2017-18 के अवशेष/अपूर्ण कार्यों के लिए 107 करोड़ रुपए रिवाइव किये गए। इससे 3514 हेक्टेयर क्षेत्र में क्षतिपूरक वनीकरण किया जाएगा। फलदार प्रजाति के रोपण को प्राथमिकता दी जाएगी। भूमि और जल संरक्षण के लिए विभिन्न क्षमता के 950 जल निकायों का सृजन किया जाएगा। 3761 चेकडैम और चाल खाल, 339 प्राकृतिक जल स्रोतों का पुनरोद्धार किया जाएगा। 3848 हेक्टेयर क्षेत्र में कंटूर ट्रेंच का निर्माण किया जाएगा। 473 हेक्टेयर क्षेत्र में पथ वृक्षारोपण किया जाएगा। कैट (कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट) प्लान की विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी। 2147 किलोमीटर वन मोटर मार्गों, अश्व मार्गों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। वन्य जीव सुरक्षा, वन अनुसंधान और वन पंचायतों के सुदृढीकरण का कार्य किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि कैम्पा के मूल्यांकन और मॉनिटरिंग के लिए एमआईएस तैयार किया गया है। ई-ग्रीन वाच द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से भौतिक सत्यापन भी कराया जा रहा है।