देहरादून: विभिन्न विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों की लापरवाही से सरकार को 31 मार्च 2018 तक 2,271 करोड़ रुपये की चपत लगी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के इस खुलासे पर मुख्यमंत्री का सख्त रुख दिखाया है।
प्रदेश सरकार ने सदन के पटल पर कैग की यह रिपोर्ट रखी थी। रिपोर्ट में प्रदेश की जनता से जुड़ी योजनाओं से जुड़े ऊर्जा, खाद्य एवं आपूर्ति, समाज कल्याण, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं वन सरीखे विभागों की गंभीर कारस्तानियां उजागर हुई हैं।
दिल्ली से लौटकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, वे प्रदेश से बाहर थे, इसलिए रिपोर्ट नहीं देख पाए। कैग रिपोर्ट तकनीकी आधार पर होती है। इसका गंभीरता से परीक्षण करवाने के साथ वे भी रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे। रिपोर्ट का परीक्षण कर अनियमितता करने के दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।