बेंगलुरु: पाकौड़े बेचने वाले बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध तेज हो गया है। कांग्रेस और दूसरे छात्र संगठन पीएम के बयान के विरोध में पकौड़े बेचकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को भी बंगलुरु में पीएम का विरोध देखने को मिला। प्रधानमंत्री मोदी की रैली से ठीक पहले कुछ छात्र संगठनों ने डिग्री गाउन पहनकर रैली ग्राउंड से कुछ दूरी पर पकौड़े बेचे। छात्रों को कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजगार मुहैया कराने के बजाय युवाओं को पकौड़े बेचने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि प्रदर्शनकारियों के रैली मैदान के तरफ आने की सूचना मिलते ही पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
बंगलुरु में प्रदर्शनकारी रैली वाले पैलेस ग्राउंड के नजदीक आने-जाने वालों को पकौड़े बेच रहे थे। प्रदर्शनकारी छत्रों पकौड़ों का नामकरण भी किया गया। वे ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह पकौड़ा’ और कर्नाटक में बीजेपी के सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा के नाम पर ‘येद्दि पकौड़ा’ बेच रहे थे।
कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने पकौड़ा बेचने को भी रोजगार से जोड़कर बताया था। एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में जब प्रधानमंत्री मोदी से रोजगार मुहैया कराने के बारे में सवाल पूछा गया था तो, उन्होंने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति पकौड़ा बेचकर 200 रुपये कमाकर शाम को घर ले जाता है तो क्या वह रोजगार नहीं है। पीएम की इस बात पर विरोधियों ने उनकी जमकर आलोचना की थी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने यह तक कहा था कि अगर पकौड़ा बेचना रोजगार है तो भीख मांगने को भी रोजगार में गिना जाना चाहिए।