नैनीताल: प्रदेश में पिछले 12 दिनों से चल रही निजी बस आपरेटरों की हड़ताल वापस हो गयी है। आज बस आपरेटरों की तरफ से उत्तराखंड हाईकोर्ट में यह घोषणा की गयी। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार दो सप्ताह के अंदर हड़ताली बस आपरेटरों की मांगों पर कार्यवाही करे।
उल्लेखनीय है कि किराया बढ़ाने के साथ ही पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ प्रदेश भर के निजी बस आपरेटर पिछले 12 दिनों से पूरे प्रदेश में हड़ताल पर थे। हड़ताल में कुमाऊं मोटर्स आनर्स यूनियन, गढ़वाल मोटर्स आनर्स यूनियन, कुमाऊं आदर्श मोटर समिति व गढ़वाल मोटर्स यूजर के साथ ही आल इंडिया ट्रांसपोर्ट यूनियन शामिल थी। इसके अलावा उत्तराखंड टैक्सी यूनियन भी आज से बस आपरेटरों के समर्थन में हड़ताल पर चले गये थे।
हड़ताली बस आपरेटरों की मांग थी कि सरकार उनका किराया नहीं बढ़ा रही है। रोडवेज के समान किराया बढ़ाया जाए। इसके अलावा पुलिस व आरटीओ निजी बस आपरेटरों को ओवरलोडिंग में चालान कर रहे हैं। यही नहीं बस चालकों का लाइसेंस व परमिट भी निरस्त कर रहे हैं।
कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सरकार को निर्देश दिये कि सरकार निजी बस आपरेटरों की मांगों पर दो सप्ताह में कार्यवाही करे। बस आपरेटरों से कहा है कि बस आपरेटर एक सप्ताह के अंदर सरकार को अपना प्रस्ताव सौंपे। इसके साथ ही हड़ताल पर जाने वाली मुख्य बस आपरेटर कुमाऊं मोटर्स आनर्स यूनियन ने कोर्ट को एक घंटे के अंदर हड़ताल वापस लेने की अंडर टेकिंग दे दी। इसके अलावा कोर्ट ने हड़ताल को सहयोग करने वाले निजी बस आपरेटरों जीएमओयू, आदर्श मोटर्स समिति व आल इंडिया ट्रांसपोर्ट यूनियन को नोटिस जारी किया है।