नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना के बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। ओवैसी ने कहा कि शिवसेना अनजान बन रही है। उन्होंने कहा, “निजता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ कहता है कि पसंद एक मूल अधिकार है। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। मैं चुनाव आयोग से इसका संज्ञान लेने की गुजारिश करता हूं। यह ध्रुवीकरण की कोशिश है।“
शिवसेना ने श्रीलंका बम धमाकों के बाद उठाए गए कदमों का हवाला देते हुए भारत में भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध की मांग की है। पार्टी ने अपने मुखपत्रों ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ के संपादकीय में कहा, “इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो। नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं।“
शिवसेना ने श्रीलंकाई में ईस्टर संडे पर आतंकवादी हमलों के बाद वहां की सरकार द्वारा भी ऐसा ही नियम लाने की योजना बनाए जाने का हवाला दिया है। हमलों में 250 लोगों की मौत हो गई थी। शिवसेना ने मुखपत्र में लिखा, “मौजूदा सरकार ने ‘ट्रिपल तलाक’ के खिलाफ कानून बनाकर पीड़ित मुस्लिम महिलाओं का शोषण आदि रोक दिया है। यह स्वीकार्य है, लेकिन भीषण बम विस्फोट के बाद श्रीलंका में बुर्का और नकाब सहित चेहरा ढंकने वाली हर चीज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हम इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं।“