देहरादून: चारधाम यात्रा हेली सेवाओं के लिए विवादित टेंडर को लेकर सरकार की किरकिरी कराने वाले युकाडा के अधिकारी खुद भी सवालों के घेरे में आने के बाद अब अपनी खामियों को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सच छुपाये कहाँ छुपता है। दरअसल, नौकरशाहों ने अब तक टेंडर में सात बार संशोधन किया और हैरानी की बात ये रही कि, कई शर्तों को घुमा-फिरा कर वापस फिर वही कर दिया गया। इन संशोधनों के द्वारा शर्तों में बदलाव के साथ-साथ अंतिम तिथि को बढ़ने से लेकर री-टेंडरिंग तक किया गया। मूल टेंडर में छह बार संशोधन के बाद, री-टेंडरिंग में भी पहला संधोधन किया गया।
बता दें कि, अब तक जितने भी संशोधन किये गये, उनकी पूरी जानकारी युकाडा की ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई। लेकिन, इस बार संशोधन की जानकारी को युकाडा की ऑफिसियल वेबसाइट से गायब कर दिया गया, ताकि इतनी आलोचना झेलने के बाद फिर से मीडिया जगत इस संशोधन को लोगों तक ना पहुंचा पाए। लेकिन, सच्चाई को भला कब तक छुपाया जा सकता है। इस बार इस संशोधन की जानकारी उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट ई-टेंडरिंग पर डाला गया और इतना ही नहीं वहाँ भी सामान्य रूप से उसे ढूंडा न जा सके, इस तरह से जानकारी को डाला गया। लेकिन टेंडर की तरह ही इसमें नौकरशाहों की सोच धरी की धरी रह गई। तत्पश्चात जानकारी बाहर आई और एक बार फिर टेंडर का मजाक बना रहे नौकरशाहों के साथ ही सरकार की जमकर किरकिरी हुई।
युकाडा की ऑफिसियल वेबसाइट पर ताजा जानकारी गायब: देखें
ई-टेंडरिंग की वेबसाइट पर देखें: