रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट बन्द होने के बाद अब जिला प्रशासन का ध्यान मिनी स्टिजरलैण्ड कहे जाने वाले चोपता दुगलविट्टा की खूबसूरती पर टिक गया है। चोपता को गन्दगी मुक्त करने के लिए प्रशासन व वन विभाग नई संयुक्त पहल करने जा रहा है। मनोहरी बुग्यालों व बर्फ की चादर से ढके रहने वाले चोपता के दीदार को हजारों की तादात में देशी व विदेशी शैलानी पहुंचते हैं, तो चोपता-तुंगनाथ-चन्द्रशिला ट्रैकिंग रुट के लिए भी हजारों की तादाद में ट्रैकर दल यहां पहुंचते हैं।
इस वर्ष बर्फबारी जल्दी होने से कयास लगाये जा रहे हैं कि, पर्यटकों की संख्या में बढोत्तरी होगी, जिससे यहां प्लास्टिक प्रदूषण भी बढेगा। प्लास्टिक से बुग्यालों को नुकशान न पहुंचे और चोपता घाटी की सुन्दरता बनी रहे इसके लिए ट्रैकिंग रुट पर जाने से पहले पर्यटकों को सिक्योरिटी मनी जमा करनी पडेगी।
जिलाधिकारी का कहना है कि, अकसर पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक की सामाग्री जिसमें वाॅटर बोटल, डिब्बा व पाॅलीथीन पैक्ड खाद्य सामाग्री को लेकर जाते हैं और उनको उपयोग में लाने के बाद फेंक देते हैं। मगर अब पर्यटकों को सिक्योरिटी मनी के तौर पर तीन सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक सिक्योरिटी मनी जमा करनी होगी और पर्यटक अपने साथ ले जायी गई सामाग्री के रैपरों को वापस लाता है तो उनकी सिक्योरिटी मनी वापस कर दी जायेगी। बता दें कि, दिसम्बर व जनवरी माह के दौरान यहां भारी बर्फबारी होती है जिसको देखने व बर्फ से खेलने के लिए यहां हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं। यही नहीं 31 दिसम्बर को सेलिब्रेट करने के लिए भी यहां सैकडों की तादाद में देश विदेशों से सैलानी पहुंचते हैं। पर्यटकों की बढती तादाद को लेकर जिला प्रशासन का ध्यान अब चोपता की खूबसूरती को बनाये रखने पर टिक गया है।