देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व उत्तराखंड वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एस. सी. सचान, तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पन्त, जन हस्तपेक्ष के शंकर गोपाल, उत्तराखंड विमर्श के प्रेम बहुखंडी ने केन्द्र सरकार द्वारा आज प्रस्तुत बजट को उत्तराखंड, पर्यावरण व मध्य हिमालय विरोधी बताया है। साथ में यह भी कहा कि उन्हें आशा थी कि उत्तराखंड, जिसने गंगा-यमुना जैसी नदियों को जन्म दिया है, जो 60 करोड़ भारतीयों को जीवन दे रही हैं, हम कितनी प्राणवायु दे रहे हैं, उसका आकलन सूपर कंप्यूटर भी सम्भवत: नहीं कर पायेगा, उस प्रदेश की इस बजट में पूरी उपेक्षा कर दी है, ग्रीन बोनस का कोई ज़िक्र नहीं है।
उन्होंने प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर निवेदन किया था कि वे अरण्यजनों व गिरिजनों के वनों पर उनके पुश्तैनी हक़-हकूक़ बहाल कर रसोई गैस, बिजली-पानी निशुल्क दें, लेकिन बजट में सभी बिंदुओं की अनदेखी कर दी गयी है। मध्यम वर्ग व सर्विस क्लास की कमर तोड़ दी है और पूर्ववर्ती सरकारों व देश वासियों द्वारा मेहनत से अर्जित संपतियों को खुर्द-बुर्द करने वाला बजट वित्तमन्त्री ने दिया है। COVID-19 से तबाह ईकोनमी को यह बजट और बर्बाद कर देगा। यह बजट महंगाई और बेरोज़गारी को बढ़ायेगा। समाज में असमानता को बढ़ायेगा। साथ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गण राजेंद्र सिंह भंडारी, शान्ति रावत, मो. फारूक, प्रणिता बडोनी, नेमचन्द सूर्यवंशी आदि ने भी बजट की कड़ी आलोचना की है।
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