नई दिल्ली: बजट 2020 को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कश्मीर का जिक्र करते हुए एक कश्मीरी कविता पढ़ी। उन्होंने इस कविता का हिन्दी अनुवाद बताया –
कविता (हिन्दी अनुवाद)-
”हमारा वतन खिलते शालीमार बाग जैसा,
हमारा वतन डल झील में खिलते कमल जैसा,
नौजवानों के गर्म खून जैसा,
मेरा वतन, तेरा वतन,
हमारा वतन-दुनिया का सबसे प्यारा वतन।