गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में होने वाले गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव से पहले सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा के प्रदर्शन के बाद बसपा ने गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में अपनी चीर प्रतिद्वंद्वी सपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के समर्थन का पहले ही दावा किया था। इसको लेकर बसपा के गोरखपुर जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने कोआर्डिनेटरों की बैठक के बादएलान कर दिया है।
जैसा की पहले से ही माना जा रहा था कि मायावती यूपी में दो सीटों पर होने वाले लोकसभा उपचुनाव में सपा के समर्थन का सीधे घोषणा ना करके स्थानीय स्तर के नेताओं से घोषणा करवाएंगी। हुआ भी ऐसा ही। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम को दी थी। उन्होंने बैठक के बाद समर्थन का आधिकारिक एलान कर दिया है। बसपा के एलान के बाद सियासी हलचल भी बढ़ गई है। लोकसभा सीटों में लिए किए गए गठबंधन को उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए बड़ा बदलाव माना जा रहा है। बसपा की मानें तो गठबंधन केवल लोकसभा उपचुनाव के लिए लिए है। विभष्य में क्या होगा। इसका ऐलान बाद में किया जाएगा।
11 को वोटिंग और 14 मार्च को आएंगे नतीजे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र के बाद खाली हुई गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर 11 मार्च को मतदान किया जाएगा और 14 मार्च को मतगणना कर नतीजे घोषित किए जाएंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो फूलपुर से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या लोकसभा के लिए चुने गए थे।