देहरादून: किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में आज कई कांग्रेसियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से मुलाकात की। हालांकि, किशोर उपाध्याय कांग्रेस के बजाय वन अधिकार जन आंदोलन के कार्यकर्ता के रूप में उनसे मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वन एवं प्राकृतिक संसाधनों पर उत्तराखंड के निवासियों की परंपरागत अधिकारों हक-हकूकों का संरक्षण एवं उत्तराखंड वासियों को वनवासी का दर्जा दिए जाने के संबंध में एक मांग पत्र सौंपा।
इस दौरान किशोर उपाध्याय ने कहा कि, उत्तराखंड राज्य आंदोलन की मूल भावना थी कि, यहां के वन एवं प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो, जिससे राज्य में रोजगार का संवर्धन होगा। स्थानीय निवासियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत समस्याओं का निदान होगा और राज्य से पलायन रुकेगा। लेकिन राज्य निर्माण के 17 साल पूर्ण होने के बाद भी राज्य के अनेक स्थानों में स्थानीय समुदाय अपने जीवन की मूलभूत जरूरतों के लिए आज भी संघर्षरत दिखाई दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड राज्य का लगभग दो-तिहाई हिस्सा वन आच्छादित है। वन यहां के निवासियों की संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड राज्य के हित में उन्होंने वन अधिकार अधिनियम 2006 को लागू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक मांग पत्र अजय भट्ट को सौंपा। वहीं अजय भट्ट ने इस मांग पर पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा अतिक्रमण हटाने पर अजय भट्ट ने कहा कि, यह पूरी तरह से हाईकोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है। जबकि सरकार किसी को भी बेघर नहीं करना चाहती। वहीं कांग्रेस ने अतिक्रमण तोड़ने को लेकर कहा कि, सरकार केवल गरीबों को निशाना बना रही है हालांकि, कांग्रेस अतिक्रमण के पक्ष में नहीं है लेकिन ध्वस्तीकरण से पहले सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। साथ ही कांग्रेस ने सवाल उठाया कि सीएम आवास, राजभवन, दूरदर्शन केंद्र समेत अनेक भवन हैं जो अतिक्रमण कर बने हुए हैं, लेकिन सरकार केवल गरीबों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है।