देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरवार में हुए शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा मामले से भाजपा में खलबली मची हुई है। कोई भी भाजपा नेता और प्रवक्ता मामले में खुलकर बोलने से कतरा रहा है। मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। बताया जा रहा है कि मामला भाजपा हाईकमान तक पहुंच गया है। भाजपा की तीन जुलाई से होने वाली कार्यसमिति की बैठक को भी टाल दिया गया है। जिसके पीछे उत्तरा पंत बहुगुणा के साथ सीएम दरवार में हुए विवाद को माना जा रहा है। इससे एक बात तो साफ हो गई है कि मामले को लेकर भाजपा में खलबली तो मची है।
मामला केवल हाईकमान तक पहुंचने का नहीं है, बल्कि प्रदेश में तबादला एक्ट को लेकर भी गर्मा गया है। सीएम की पत्नि अपनी तैनाती के चार साल दुर्गम में सेवा करने के बाद से लगातार देहरादून में तैनात हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, वित्त मंत्री प्रकाश पंत की पत्नि की तैनाती को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। साथ ही दूसरे नेताओं की पत्नियों, अधिकारियों और नेताओं के खासखासों की पत्नियों की तैनाती का मामला भी तूल पकड़ने लगा है।
अब तक खुद को फ्रंटफुट पर लेकर चलने वाले सीएम और भाजपा पूरी तरह बैकफुट पर है। बात-बात पर कांग्रेस को दोष देने वाले भाजपा प्रवक्ता बचते नजर आ रहे हैं। इस प्रकरण ने सरकार और भाजपा को हिला कर रख दिया है। मामले में अगला कदम क्या होगा। भाजपा औ0र सरकार अब तक यह तय नहीं कर पाई है। कई लोग इसे निकाय चुनाव से और 2019 में होने वाले चुनावों से पहले भाजपा के लिए बड़ा नुकशान मान रहे हैं। जानकारों की मानें तो अगर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल इस मामले को राजनीति मुद्दा बनाते हैं, तो यह भाजपा के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है। देखना यह होगा कि भाजपा और सरकार क्या कदम उठाती है।