देहरादून: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी आज स्पष्टीकरण लिए भाजपा कार्यालय पहुंचे। उन्होंने महामंत्री कुलदीप कुमार को अपना जवाब सौंप दिया। भाजपा पार्टी से निलंबित नेता लाखीराम जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों पर अंगुली उठाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। जिसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत ने अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें को पार्टी से निलंबित कर दिया और साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
वहीं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड आगमन पर ही शुक्रवार को जोशी ने नोटिस का जवाब दिया। लकिन उनके तेवर में अभी भी वही गर्मी दिखी। उन्होंने कहा कि न्यायालय अगर किसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है तो पार्टी का पुराना कार्यकर्ता होने के नाते हमारा भी दायित्व बनता है कि हम उससे पार्टी आलाकमान को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि मैंने भी वही किया जो अनुशासनहीनता में नहीं आता है और रहा सवाल मेरे पत्र और बयानों का तो मैंने वही कहा जो न्यायालय ने आदेश दिया।
जोशी ने कहा कि स्पष्टीकरण तो उनसे मांगा जाना चाहिए जिन पर उंगलियां उठी है। मैंने तो अपनी निजी भावनाओं से प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया था। जोशी यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि पहली बार हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया जो कि बहुत ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में जब भी कोई आरोप लगता है तो जांच से ही उसका निस्तारण होता है। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी संगठन की छवि बचाने के लिए ही पत्र लिखा है। ये हमारी भावना है और मेरी इच्छा है कि केन्द्रीय नेतृत्व इस पर संज्ञान ले और कार्यवाही करे।