रूद्रप्रयाग: जहां एक ओर उत्तराखण्ड में भारी बारिश के चलते कई जगहों पर सड़कों को भारी नुकसान हुआ है तो वहीं रूद्रप्रयाग में इस बार बरसात से सडकों को ज्यादा बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। यहां भारी बारिश के चलते भले ही बार-बार मलबा पत्थर सड़कों पर आने से मार्ग कई बार बन्द रहे तो कुछ सडकों पर पुस्तों के टूटने से भी आवागमन बाधित रहा। लेकिन बीते सालों की तुलना व इस बार अन्य क्षेत्रों की तुलना में जिले में नुकसान कम हुआ।
यहां लोक निर्माण विभाग को अभी तक ढाई से तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रुद्रप्रयाग के केदारघाटी में भी जमकर बारिश हुई तो जिले के अन्य हिस्सों में बारिश अपेक्षा से कम रही। जिसके चलते बड़े नुकसान नहीं हुए। राष्ट्रीय राजमार्ग गौरीकुण्ड पर चारधाम परियोजना के तहत चैडीकरण का कार्य चल रहा है जिसके चलते मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि अभी तक मानसून काल में ढाई से तीन करोड रुपये का नुकसान हुआ है जिसमें सडकों के पुस्तों का टूटना है। विभाग द्वारा आपदा मद में 60 लाख रुपये के स्टीमेट भेजे गये हैं जिनका कि पैसा मिलते ही सुधारीकरण का कार्य शुरु का दिया जायेगा।
गौरतलब है कि इन दिनों प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के चलते काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण जहां मैदानी इलाकों में सड़कों पर पानी पानी हो गया तो पहाड़ी इलाकों में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। पहाड़ी इलाकों के लोगों के लिए इस बार बरसात आफत बनकर आई। बारिश के चलते कई जगहों पर सड़कों को भारी नुकसान हुआ है जिस कारण लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद पड़ी है। साथ ही कई जगहों पर बादल फटने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते ग्रामीणों इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया जिस कारण लोगों को अपने घरों को छोड़ दूसरों के घरों पर रहने को मजबूर होना पड़ा। हालांकि अभी भी पहाड़ी इलाकों के हालात सुधरे नहीं है।