बागेश्वर: जिले के पिंडारी ग्लेशियर क्षेत्र में बिना अनुमति के गये विदेशी पर्यटक दल को देखे जाने पर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुये वन विभाग ने जांच की बात कही है। वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है कि, विदेशी पर्यटक दल ने पर्वतीय क्षेत्र में घूमने की सूचना तो दी, लेकिन प्रतिबंधित क्षेत्र में गये, इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है।
बता दें कि, बागेश्वर की सीमा में आने वाले पिंडारी ग्लेशियर के सारे ट्रेकिंग रूट सुरक्षा कारणों से बरसात के दिनों में पर्यटकों की आवाजाही के लिये पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाता है। इन इलाकों में जाने की मनाही होती है। 15 जून के बाद पयर्टक इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं कर सकते हैं। पिंडारी ग्लेशियर जाने के तीन रास्ते हैं। पहला बागेश्वर के कपकोट तहसील क्षेत्र से गुजरता है, जबकि दो अन्य रास्ते पिथौरागढ़ के मुनस्यारी और चमोली के नामिक क्षेत्र से होकर जाते हैं। वन विभाग ने प्रतिबंधित क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही रोकने के लिये दो जगहों पर अस्थाई चौकीयां खोली हैं। जिन पर लगातार वन विभाग के कर्मचारी तैनात रहते हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, पर्यटक किस रूट से प्रतिबंधित क्षेत्र में गये हैं इसकी जांच की जायेगी। फिलहाल जानकारी मिली है कि, विदेशी दल यूक्रेन का है जिसमें 12 पर्यटक शामिल हैं। बिना अनमुति गलेशियर क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर वन विभाग का कहना है कि पयर्टक प्रतिबंधित क्षेत्र में गये हैं कि नहीं, इस पर भी संशय है। मामले की जांच की जा रही है।
यहां बता दें कि पिंडर क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से यहां कई पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं। पिंडारी मार्ग में कफनी नदी पर बना अस्थाई पुल टूट चुका है, जिससे पिंडारी ग्लेशियर जाने वाला मार्ग बाधित हो गया है।