मसूरी: लंन्ढौर क्षेत्र में कोहिनूर बिल्डिंग की जर्जर हालात लोगों के लिये जी का जंजाल बना हुआ है। इसमें निवास करने वाले लोग लम्बे समय से खतरे की जद में जिंदगी यापन करने को मजबूर है। लेकिन शासन प्रशासन है कि इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नही ।
बता दें कि मसूरी की पहचान रखने वाले लंन्ढौर बाजार में कई ऐसे गिराशू भवन है जिनका सर्वे कई बार स्वयं प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के द्वारा किया गया। व गिराशू भवनों की पूरी रिपोर्ट भी शासन के पास भेजी गई। पूरा मामला शासन प्रशासन की संज्ञान में होने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है। जिससे साफ जाहिर होता है कि आखिर शासन प्रशासन मसूरी के गिराशू भवनों के प्रति कितना गंम्भीर है। प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा उन लोगों को झेलना पड रहा है जो कई वर्षो से इन गिराशू भवनों की चार दिवारी के अंन्दर जीवन यापन करने को मजबूर है।
कोहिनूर बिंल्डिंग मे निवास करने वाली कमला शर्मा का कहना है। कि कई बार प्रशासन ने इस भवन का निरिक्षण किया लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। आय दिन घर के हर कमरे में पानी टपकता रहता है और खतरे का साया सताता रहता है। उनका कहना है कि प्रशासन हमे यह तो बताये कि उन्होने करना क्या है। या तो सरकार उनको भवन बनाने की परमिशन दे या फिर उनको दुसरी जगह सिप्ट करें। वहीं स्थानीय लोगो ने नाराजगी व्यक्त करते हुये बताया कि सरकार इन गिराशू भवनों में निवास करने वाले लोगो के साथ खिलवाड करती नजर आ रही है। जो किसी अनहोनी की प्रतिक्षा में है। जबकि उपजिलाधिकारी गोपाल राम बिनवाल का कहना है कि कोहिनूर बिल्डिंग का निरिक्षण किया जा चुका है। और हम अपनी और से क्षतिग्रस्त भवनों पर नजर बनाये बैठे है। जैसे ही सरकार की ओर से हमें आदेश किया जायेगा तो आगे की कार्यवाही की जायेगी।