देहरादून: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के विभिन्न घटक संघों की आज की सरकार से हुई मीटिंग विफल हुई है। जिससे आज आधी रात से आम जनता को बिजली की समस्या से जूझना पड़ सकता है। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष लम्बे समय से आंदोलन पर है और आज सचिवालय में सरकार के साथ कई राउंड की वार्ता विफल होने के बाद, मोर्चे ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
दरअसल, अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा साल 2017 से आंदोलन कर रहे है। जिसमे कई बार उनकी शासन के साथ मीटिंग का दौर चलता रहा। जिसमे कई बार आश्वासन के बाद भी मोर्चे ने अपना आंदोलन बैकफ़ुट पर भी लिया, लेकिन आज अपनी मांगों का हल न निकलने पर, मोर्चे ने आधी रात से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
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करीब 4 हजार ऊर्जा कर्मचारी अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। मोर्चे का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को न माना गया, तब तक वो वापस काम पर नही आएंगे। वेतन विसंगति, समान कार्य समान वेतन, भत्ते और ACP जैसे 14 मांगों को लेकर मोर्चे ने हड़ताल शुरू कर दी है।
हड़ताल से पहले कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल आज करीब 12 बजे सचिवालय में सचिव ऊर्जा और उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग के लिए गया था। लेकिन मीटिंग में कर्मचारियों के पक्ष में न होने से मीटिंग विफल हुई, जिसके बाद उनकी मीटिंग मुख्यसचिव के साथ हुई। लेकिन कुछ बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद भी कर्मचारियों में रोष देखने को मिला। मोर्चा ने सभी बिंदुओं पर अड़े रहने के चलते, मुख्य सचिव से हुई मीटिंग को भी विफल बताते हुए हड़ताल का फैसला लिया है।
वहीं हड़ताल को लेकर कर्मचारियों ने आम जनता से अपील की है कि बिजली संबंधित समस्या होने से पहले जनता वैकल्पिक व्यवस्था रखें।
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