देहरादून: आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की मेडिकल भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी से इंकार कर रहे विश्वविद्यालय के कुल सचिव पर गाज गिरी है। यह खबर आ रही है कि शासन ने मामले में कार्रवाई करते हुए कुल सचिव अनूप कुमार गक्खड़ को हटा दिया है। उनकी जगह अपर सचिव आयुष जीबी ओली को चार्ज दिया गया है। अब तक कुल सचिव समेत आयुष सचिव और कुलपति भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार कर रहे थे, लेकिन कुल सचिव पर कार्रवाई से एक बात तो तय है कि कुछ गड़बड़ जरूर हुई थी।
मेडिकल आॅफिसर भर्ती परीक्षा में जयपुर में 10 साल पहले कराए जा चुके पेपर के प्रश्न रिपीट किए गए थे। साथ ही पेपर को लीक करने की बातें भी सामने आई थी। विश्वविद्यालय ने रिजल्ट जारी करने का रिकार्ड भी बनाया। केवल 22 घंटों में ही रिजल्ट जारी कर दिया गया था। विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों को आपत्ति लगाने का भी समय नहीं दिया। हल्ला होने के बाद 1000 रुपये फीस रखी गई। और तो और रिजल्ट की मैरीट लिस्ट लगाए बगैर पहले से लीक हो चुके पेपर में सर्बाधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए पत्र भी बना दिए गए।
मामला चर्चा में आने के बाद आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने तुरंत साक्षात्कार पर रोक लगा दी। इसके बाद कई और फैसले भी लिए गए। विश्वविद्यालय अब इस मामले में पूरी तरह बैकफट पर आ चुका है। इससे एक बात तो साफ हो गई है कि परीक्षा में पेपर लीक समेत अन्य गड़बड़ियां भी हुई थी। चर्चा सीटों के पहले से रेट तय कर बेचे जाने की भी हैं। देखना यह है कि जीरो टाॅलरेंस की सरकार भर्ती घोटाले में किस-किस को पकड़ती और किसको छोड़ देती है।
अपर सचिव आयुष जी.बी ओली ने हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए बताया की उनकी जानकारी में है, लेकिन अभी उनको आदेश की कॉपी नहीं मिली है।