नैनीताल: हाईकोर्ट ने नैनीताल स्थित बलियानाला में हो रहे भूस्खलन को गंभीरता से लेते हुए सरकार को हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि, 10 अक्टूबर तक स्थलीय निरीक्षण कर इस भूस्खलन के लिए परमानेंट उपाय करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अक्टूबर की तिथि नियत की है। साथ ही न्यायालय ने चार पक्षकार वाडिया हिमालयन इंस्ट्टीयूट ऑफ टेक्नालॉजी, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, चीफ इंजीनियर पीडब्लूडी, सिंचाई विभाग व आईआईटी रूडकी को पक्षकार बनाया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हाईकोर्ट के अधिवक्ता व पूर्व बार अध्यक्ष सैय्यद नदी खुर्शीद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि, विगत सप्ताह बलियानाला में भूस्खलन हो रहा है। याचिकाकर्ता का कहना था कि, वर्ष 1973 से इस पहाडों में लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिसके लिए सरकार से समय-समय पर वित्तीय सहायता भी मिलती रही है। लेकिन प्रशासन की ओर से विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर कार्य नहीं किया जाता है। जिस कारण से नैनीताल की स्थिति को खतरा उत्पन्न हो रहा है। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अक्टूबर की तिथि नियत की।