देहरादून: हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में अतिक्रमण तोड़ जा रहा है। इस अभियान के दौरान नेताओं और नौकरशाहों की पोल भी जमकर खुल रही है। आम लोगों को नसीहत देने वालों पर खुद बन आई, तो नौटंकी पर उतर गए। एक तो चोरी, उस पर सीनाजोरी। जैसे ही आईएएस अधिकारी और मसूरी विधायक गणेश जोशी के अतिक्रमण की पोल खुली। दोनों नौटंकी पर उतर आए। खुद को बड़ा दिखाने के लिए दोनों ही इन दिनों मजूदर बनकर अपने आवासों के बाहर किए गए अवैध अतिक्रमण को तोड़ने में जुट गए हैं।
सवाल यह है कि जब विधायक, मंत्री और अधिकारी ही अतिक्रमण करेंगे, तो फिर आम लोगों को कैसे ये लोग अतिक्रमण तोड़ने की बात कह सकते हैं। आईएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडे के आवास का गेट अतिक्रमण कर बनाया गया है। मसूरी विधायक का गेट भी अतिक्रमण कर बनाया गया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जैसे एमडीडीए के अधिकारियों ने पंकज कुमार पांडे के बंगले पर लाल निशान लगाया। उन्होंने रातों-रात उस लाल निशान को थिनर से हटा दिया था। मामला सामने आया तो फिर एक बार लाल निशान लगाया गया। दोबारा लाल निशान लगाने के बाद पंकज पांडे को लगा कि इससे नाम खराब होगा। उन्होंने पब्लिसिटी स्टंट की युक्ति बनाई और एलान कर दिया कि वो खुद अपना अतिक्रमण तोड़ेंगे। सवाल यह है कि उन्होंने अतिक्रमण किया क्यों। एमडीडीए के अधिकारियों को उनसे जुर्माना वसूलना चाहिए था।
ऐसा ही मामला मसूरी विधायक गणेश जोशी का भी सामने आया। उन्होंने भी अपना गेट अतिक्रमण कर बनाया था। गणेश जोशी दूसरों को अक्सर सलाह देते नजर आते हैं। उन्होंने भले ही अपना गेट तोड़ दिया हो, लेकिन सवाल उनसे भी वही कि अतिक्रमण किया ही क्यों था। कई दूसरे अधिकारियों और नेताओं के अतिक्रमण की पोल भी इस अभियान के दौरान खुल चुकी है। अब देखना यह होगा कि पंकज कुमार पांडे के आलिशान बंगले की तरह और कितने अधिकारियों की कोठियों का अतिक्रमण ध्वस्त होता है।
विधायक ने खुद तोड़ डाली गेट की दीवार, घर के बाहर किया था अतिक्रमण