नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यस्था बनने के लिए भारत को 2025 तक 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट को बनाए रखना होगा।
भारत बन सकता है 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था
देश को 2024-25 तक 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को निरंतर 8 प्रतिशत पर रखने की जरूरत होगी। आर्थिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को अपनी वास्तलविक वृद्धि दर को 8 प्रतिशत पर बनाए रखने की जरूरत होगी।
जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है। समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि डिमांड, नौकरियों, निर्यात की विभिन्नर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए इन्हेंष अलग समस्यादओं के रूप में नहीं, बल्कि एक साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए
राजकोषीय घाटा
समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान। इसका संशोधित बजट अनुमान 3.4 प्रतिशत का था।
विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार 2018-19 में 412.9 अरब डालर रहने का अनुमान। वित्त वर्ष 2018-19 में आयात 15.4 प्रतिशत जबकि निर्यात में 12.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान।
खाद्यान्न उत्पादन
आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन 28.34 करोड़ टन रहने का अनुमान। कृषि, वानिकी और मत्स्यन में 2.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान।