नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को 19वें भारत रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान मिले। इस बैठक में दोनों नेता अनेक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच शिखर बैठक शुक्रवार सुबह हैदराबाद हाऊस में शुरू हुई। इस दौरान भारत और रूस के रक्षा संबंधों को नया आयाम मिला। 19वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को लेकर समझौता हो गया है। इस पर हस्ताक्षर भी कर लिए गए हैं। रूस के साथ शिष्टमंडल स्तर की बातचीत में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग से जुड़े करार पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। जानकारी के मुताबिक रूस के शहर नोवोसिबिर्स्क के पास एक भारतीय निगरानी केंद्र की स्थापना भी की जाएगी।
भारत रूस से मिलने वाले S-400 मिसाइल के तोहफे पर रूस को मेक इन इंडिया के तहत बने 3 Mig-21 लड़ाकू विमान देगा। इन तीन लड़ाकू विमानों में 1 टाइप 75 और दो टाइप 77 एयरक्राफ्ट शामिल हैं।
आपको बता दें कि साल 1963 में लड़ाकू विमानों की जरूरत थी की जरूरत पड़ी थी। इसके लिए भारत में अमेरिका और ब्रिटेन से मदद मांगी थी लेकिन दोनों देशों में मदद करने से इनकार कर दिया था। जब रूस ने भारत की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया। उस समय रूस ने भारत की मदद करते हुए Mig-21 विमान सौंपे थे। भारत अब इन विमानों को मेक इन इंडिया के तहत अपग्रेड करके रूस को तोहफे में देगा।
भारत और रूस के बीच होने वाली इस बातचीत पर पूरी दुनिया की नजर है। इससे पहले गुरुवार की शाम को पुतिन भारत के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और डिनर पर चर्चा की। बता दें कि भारत और रूस के बीच यह मुलाकात न केवल आपसी रिश्तों को और पुख्ता करेगी बल्कि अमेरिका को भी ये संदेश होगा कि अब भारत दुनिया के विकसित मुल्कों के साथ बराबरी का व्यवहार करेगा।