नई दिल्ली: राजनीति में आने और वोट हासिल करने के लिए गंदे काम और गंदी जुबानी एक योग्यता सी बन गई है। जो जितना विवादों में रहेगा और जितना कड़वा बोलेगा। राजनीति में पास होने के चांस उसके उतने ही ज्यादा हाते हैं। लोगों को प्रभावित करने के लिए नेता कई बार ऐसे बयान दे देते हैं, जिनको उनको अंदाजा भी नहीं रहता कि वो क्या बोल रहे हैं और उसके मायने क्या हैं। कुछ ऐसा बयान राजस्थान के धौलापुर के पूर्व विधायक जसवंत गुर्जर ने दिया।
चुनाव आचार संहिता की बात करें, तो नेताओं के बिगड़े बोल उसके सांचे में फिट नहीं बैठते हैं। इसके बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं होती। अब असल बात बताते हैं, दरअसल, धौलपुर में के पूर्व भाजपा विधायक जसवंत गुर्जर ने कहा कि किसी ने कार्यकर्ता को तू कहा तो लाशें बिछा दूंगा, अंगुली लगाई तो हाथ काट दूंगा। जसवंत सिंह गुर्जर ने अंगुली काटने और जान से मारने की धमकी देने के अलावा ये भी कहा कि अगर किसी ने भाजपा कार्यकर्ता को परेशान किया तो उसको घर से नहीं भी निकलने दूंगा। हाथ कट जाएंगे, लाशें बिछ जाएंगी। वे खुद की पार्टी के लिए वोट भी मांग रहे हैं।
इससे पहले, विधानसभा चुनाव में धर्म के आधार पर वोट मांग कर चर्चा में रहे राजस्थान सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में फंसे हुए हैं। रावत ने बांसवाड़ा की सभा में कांग्रेस को मुसलमानों की और भाजपा को हिन्दुओं की पार्टी बताया था और हिन्दुओं से सनातन धर्म की रक्षा के लिए भाजपा के समर्थन में प्रचंड मतदान करने की अपील की थी।
निर्वाचन आयोग के संज्ञान में मामला अया तो, फिलहाल जांच के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने जिला निर्वाचन अधिकारी नन्नूमल पहाड़िया और एसपी डी.डी. सिंह को जांच के निर्देश दिए हैं। अब जसवंत के बयानों पर निर्वाचन विभाग सख्त हो गया है।