रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट सोमवार को पौराणिक परंपराओं के साथ खोल दिये गये हैं। बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार से होते हुए मद्ममहेश्वर पहुंची। जहां सैकडों भक्तों के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने भी जयकारों के बीच बाबा के प्रथम दर्शनों के गवाह बने। अब ग्रीष्मकाल में अगले छह माह तक आम श्रद्वालुओं के दर्शन धाम में ही होगें। मुख्य पुजारी के द्वारा पहले तो भगवान को समाधि रुप से निवार्ण रुप में लाया गया और फिर हवन व रुद्राविषेक के बाद श्रृंगार किया गया।
मद्महेश्वर धाम में भगवान के नाभि क्षेत्र की पूजा की जाती है। यहां पर शिव-शक्ति दोनों एक साथ रहते हैं। और उच्च हिमालयी क्षेत्र की यह अति दुर्गम यात्रा है। लिंगायत समुदाय के मुख्य पुजारी यहां पूरे छह माह बाबा की सभी पूजाएं सम्पादित करते हैं। साथ ही हक हकूक धारी पंच गौण्डारी भी पूजा व्यवस्थाओं के संचालन में सहयोग करते हैं।
सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने दर्शन व महाभिषेक पूजा कर देश व प्रदेश की उन्नति की कामना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, धाम में सुविधाएं जुटाने के लिए सरकार पूरे प्रयास करेगी।