उत्तरकाशी: उत्तराखंड चार धाम श्राइन प्रबंधन विधेयक के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों का विरोध जारी है। उनका कहना है कि, पहले श्राइन बोर्ड के नाम पर बैठक के लिए देहरादून बुलाया और अब श्राइन बोर्ड के नाम ही अलग रख कर कैबिनेट में पास कर दिया, जो तीर्थपुरोहितों के साथ कुठाराघात है।
पुरोहितों का कहना है कि, सरकार धार्मिक परम्पराओं को बदलने का षड्यंत्र कर रही है और हिन्दुओं के ही धार्मिक स्थलों को ही निशाना बना रही है। वहीं यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली में पुरोहित ने कहा कि, शीतकालीन में कड़ाके की ठण्ड के बीच परम्परा अनुसार वंशानुगत पूजा करते आये हैं। साथ ही इस मौसम में भी करीब 2 किमी. दूर से नंगे पैर यमुना जी का जल लेकर विधि-विधान से पूजा करते हैं। लेकिन सरकार ने बोर्ड का गठन कर पुरोहितों को विश्वास में नहीं लिया और ना ही इसमें शामिल चीजों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि, धर्म पर सरकार का ये कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।