देहरादून: केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश के कई जिले फिसड्डी है। हालात इतनी बुरी हैं कि जागरूकता कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए मिलने वाले सालाना बजट का आधा पैसा भी जिले खर्च नहीं कर पाये हैं। अब शासन स्तर पर जिलों की प्रगति समीक्षा की जा रही है। तो वहीं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में नवाचार कार्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार महिला लिंगानुपात में सुधार लाने और बेटियों की शिक्षा के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना संचालित कर रही है। इसके तहत प्रत्येक जिले को जागरूकता कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए सालाना 50 लाख रुपये का बजट दिया जा रहा है लेकिन प्रदेश के कई जिले योजना की पहली किस्त के रूप में मिले 25 लाख रुपये भी खर्च नहीं कर सके हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवंबर माह तक टिहरी, देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग जनपद में यह राशि खर्च नहीं हो पाई है।
और इसी कारण इन जिलों को दूसरी किस्त जारी नहीं हुई है। टिहरी जिले में नौ लाख 34 हजार रुपये ही खर्च हुए हैं। जबकि देहरादून में 12 लाख, बागेश्वर में 22.92 लाख, पिथौरागढ़ में 16 लाख, रुद्रप्रयाग में 15 लाख ही खर्च हुए हैं।