देहरादून: विकासनगर-मोर्चा कार्यालय में शुक्रवार तो पत्रकारों से वार्ता करते हुए जी.एम.वी.एन. के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अभी हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा समूह ‘ग’ के पदों हेतु सेवायोजन कार्यालय के पंजीकरण की बाध्यता करने सम्बन्धी आदेश जारी किये हैं। मोर्चा न्यायालय के आदेश का सम्मान करता है, लेकिन सरकार की फौज द्वारा जिस प्रकार से रोजाना जनहित के मुद्दों पर मात पर मात खायी जा रही है, उससे त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुभव एवं उनकी सरकार की कार्यशैली का पता लगाया जा सकता है।
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार पैरोकारों पर प्रतिमाह लाखों रूपया पानी की तरह बहा रही है, लेकिन आज तक इन पौने दो सालों में एक भी फैसला राज्यहित में नहीं करा पाये। इन पैरोकारों की फौज ने आज तक सिर्फ एवं सिर्फ मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के मामले में उनके व्यक्तिगत हितों को लेकर जबरदस्त पैरवी की। उन्होंने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार जब शराब माफियाओं के लिए रातोंरात विधेयक ला सकती है तो इन बेरोजगारों के लिए क्यों नहीं। प्रदेश के लाखों शिक्षित बेरोजगार सरकार के निकम्मेपन पर आँसू बहाने को मजबूर हैं।
नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्वतीय राज्य है और यहां रोजगार के सीमित अवसर हैं और स्वरोजगार भी नाममात्र का है, ऐसे में राज्य कें युवाओं से सरकारी नौकरी का यह अवसर भी हाथ से निकलता जा रहा है, जो कि राज्य के लिए चिन्ताजनक है। वर्ष 2014 में सरकार द्वारा सेवायोजन के पंजीकरण प्रमाण पत्र की बाध्यता को लागू किया गया था।