पिथौरागढ़: प्राकृतिक आपदा लोगों के जीवन को किस तरह से मुसीबत में डाल रही है इसकी हकीकत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील की दारमा घाटी में देखी जा सकती है। दरअसल, पिछले दिनों भारी बारिश के चलते यहां आवाजाही के सम्पर्क मार्ग खत्म हो गये है। जिसने लोगों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। यहां लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। बता दें कि दारमा घाटी को मुख्यधारा से जोड़ने वाली सोबला-सेला-दर-तेदांग सड़क पिछले 42 दिनों से बंद है। ये सड़क करीब 5 जगह से बंद है, जिस कारण इस घाटी में रहने वाले 18 गांवों के 2 हजार से अधिक लोगों को 10 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। दारमा घाटी के सबसे ज्यादा प्रभावित गांव तेजम, सुमदुम, दर, बांगलिंग, नागलिंग, दुग्तू, दांतू, बौन और फिलम शामिल है।
इन गांवों में रहने वाले लोगों का सम्पर्क मार्ग कट जाने से ये लोग पिछले डेढ़ महीने से घर में कैद होकर रह गये हैं। परेशानी तब बढ़ जाती है जब गांव में कोई बीमार हो जाता है। यहां ग्रामीण बीमार व्यक्ति को कंधे पर लादकर दुर्गम रास्तों से पैदल मार्ग तय कर अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हो गये हैं। पिछले डेढ़ महीने से गांव के हालात बद से बदतर होते जा रहे है लेकिन प्रशासन की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और न ही लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। मामले को लेकर पिथौरागढ़ प्रभारी डीएम का कहना है कि इस इलाके को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग भारी बारिश के कारण खत्म हो गये है। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा बंद सडकों को खोलने के काम किया जा रहा है। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वाशन देते हुए कहा कि जल्द ही लोगों को इन सभी समस्याओं से निजात मिल पाएगी।