बागेश्वर: जनपद के हर हिस्से में हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बागेश्वर मुख्यालय से सटे दर्जन भर गांवों को जोड़ने वाली सभी पेयजल की पाईप लाईनें ध्वस्त हो गयी है। अब ग्रामीणों के सामने पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है। प्रशाशन की और से केवल खानी पूर्ति के लिये टैंकरों के माध्यम से पानी मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है। लेकिन मुख्यालय का शहरी क्षेत्र के गांवों तक पानी की पूरी व्यवस्था नहीं हो पा रही है। आबादी क्षेत्र अधिक होने से हालात बेकाबू होते दिख रहे है। जिले में सरयू -गोमती दो नदियां होने के बावजूद भी कोई बड़ी पानी की योजना अभी तक बागेश्वर के शहरी इलाके में नहीं बन पाई है। जिस कारण इस तरह के हालात सामने आए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पूरे बागेश्वर शहर में पानी का हाहाकार मचा हुआ है। सरयू-गोमती नदी होने के बावजूद भी शहर के लोग पानी की एक बूंद के लिये तरस रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि वो लगातार पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन हर महीने उन्हें पानी का बिल थमा दिया जाता है।
वहीं मामले को लेकर जिलाधिकारी का कहना है कि जखेडा पंम्पिग योजना जो काफि लम्बी योजना है, वो भूस्खलन की वजह से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों की योजना में सील्ट अधिक मात्रा में आने से पानी की समस्या हो रही है। हालांकि टैंकरों के माध्यम से ग्रामीणों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि विभाग को आदेशित कर दिया गया है कि जल्द ही क्षतिग्रस्त योजनाओं को दुरस्त कराये।
बहरहाल अब देखना ये होगा कि आखिर कबतक खाना-पूर्ति के लिये प्रशासन पुरानी जर्जर योजनाओं को जिंदा रख पाएगा। और आखिर कबतक जिले के लोग दो-दो नदियां होने के बावजूद प्यासे रहने को मजबूर होंगे।