केदारनाथ में दोपहर बाद हल्की बर्फबारी हुई, जिससे वहां फिर से ठंड बढ़ गई है। धाम में 11 फीट बर्फ मौजूद है। बीते 21 जनवरी से यहां पुनर्निर्माण के कार्य ठप पड़े हैं। साथ ही बिजली, पानी और संचार सेवा भी बाधित है।
बुधवार सुबह से धाम में बादल छाए हुए थे। दोपहर 12 बजे कुछ देर बारिश हुई। जिसके बाद यहां हल्की बर्फबारी शुरू हो गई, जो शाम तक जारी रही। इस दौरान करीब 5 इंच नई बर्फ जम गई है। इस दौरान अधिकतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम माइनस 3 डिग्री दर्ज किया गया।
मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग सहित केदारपुरी बर्फ से लकदक है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी आवाजाही ठप है। यहां रामबाड़ से धाम तक 4 से 7 फीट तक बर्फ मौजूद है। धाम में मौजूद कार्यदायी संस्था वुड स्टोन के टीम प्रभारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बीते 21 जनवरी से बिजली, पानी और फरवरी माह से संचार सेवा ठप पड़ी है।
हर दूसरे दिन खराब हो रहे मौसम के कारण स्टोर के मरम्मत कार्य प्रभावित हुए हैं। इधर, जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित अन्य क्षेत्रों में सुबह से सूरज और बादलों की आंखमिचौली के बीच दोपहर बाद बाद करीब 15 मिनट तेज बारिश हुई।
बुधवार सुबह से धाम में बादल छाए हुए थे। दोपहर 12 बजे कुछ देर बारिश हुई। जिसके बाद यहां हल्की बर्फबारी शुरू हो गई, जो शाम तक जारी रही। इस दौरान करीब 5 इंच नई बर्फ जम गई है। इस दौरान अधिकतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम माइनस 3 डिग्री दर्ज किया गया।
मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग सहित केदारपुरी बर्फ से लकदक है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी आवाजाही ठप है। यहां रामबाड़ से धाम तक 4 से 7 फीट तक बर्फ मौजूद है। धाम में मौजूद कार्यदायी संस्था वुड स्टोन के टीम प्रभारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बीते 21 जनवरी से बिजली, पानी और फरवरी माह से संचार सेवा ठप पड़ी है।
हर दूसरे दिन खराब हो रहे मौसम के कारण स्टोर के मरम्मत कार्य प्रभावित हुए हैं। इधर, जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित अन्य क्षेत्रों में सुबह से सूरज और बादलों की आंखमिचौली के बीच दोपहर बाद बाद करीब 15 मिनट तेज बारिश हुई।