देहरादून: राजधानी दून के सेंट जोसेफ स्कूल में एक साथ 40 बच्चों को फेल करने के मामले में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हस्तक्षेप किया। इस मामले की जांच करने स्कूल पहुंची आयोग की सदस्य सीमा डोरा को स्कूल प्रबंधन ने बताया कि 40 नहीं बल्कि, 12 बच्चों को उनकी कक्षा में रोका गया था। आपको बता दें कि आरटीई यानि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कक्षा 5 से 8वीं तक के बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता है। अब बाल संरक्षण आयोग के हस्तक्षेप के बाद इन सभी 12 बच्चों को पास कर दिया गया है।
गौरतलब है कि आयोग को सेंट जोसेफ में 8वीं तक के 40 बच्चों को फेल करने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने इसकी जांच आयोग सदस्य सीमा डोरा को सौंपी थी। मौके पर जाकर जांच करने पर पता चला कि, 40 नहीं बल्कि 12 बच्चों को उनकी कक्षा में रोका गया था। सीमा डोरा द्वारा स्कूल प्रबंधन को शिक्षा के अधिकार नियम का हवाला दिए जाने के बाद सभी बच्चों को पास कर अगली कक्षा में भेजने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही बच्चों को प्रमोट करने की सूची सीमा डोरा को भी सौंपी गई है। लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि, प्राइवेट स्कूल आखिर क्यों बार-बार अपनी मनमानी कर कानून की धज्जियां उड़ाते हैं।