नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची विशाल प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का गुजरात में अनावरण करने को लेकर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोगों को बहुजन समाज के लोगो से मांफी मांगनी चाहिए, जो बाबा साहेब के नाम पर बसपा की तरफ से बनाए गए पार्क स्मारक और स्थलों को फिजूलखर्ची बताते थे और इसकी आलोचना करते थे।
मायावती ने कहा है अब कहा हैं वो लोग जो महापुरुषों की मूर्तियों और पार्कों के निर्माण को फिजूलखर्ची बताते थे। जो लोग अंबेडकर की मूर्ति-निमार्ण का विरोध कर रहे थे। आज वहीं लोग हजारों करोड़ रुपए खर्च करके सरदार की प्रतिमा बनाकर वाह-वाही लूट रहे हैं।
मायावती ने कहा, ‘वैसे तो पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन व खान-पान में पूर्ण रूप से भारतीयता व भारतीय संस्कृति की एक मिसाल थे। लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिन्दी एवं भारतीय संस्कृति के नज़दीक होने के बजाय स्टेच्यू आफ यूनिटी जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है, यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।’ उन्होंने कहा कि पटेल विशुद्ध रूप से भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के पोषक थे लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी।
बसपा प्रमुख ने कहा कि आम्बेडकर की तरह पटेल एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे और उनका सम्मान भी था लेकिन भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया है। उन्होंने कहा कि देश की जनता यह भी नहीं समझ पा रही है कि भाजपा को यदि वाकई पटेल के नाम पर राजनीति करने के बजाय उनसे सही मायने में लगाव होता तो गुजरात में अपने लम्बे शासन के दौरान उनकी ऐसी भव्य प्रतिमा क्यों नहीं बनायी।
बता दें कि बुधवार को गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का लोकार्पण किया है। सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, जो दुनिया में सबसे ऊंची है। सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है।