बागेश्वर: बागेश्वर रेल लाईन की मांग को लेकर विगत 42 दिनों से बागेश्वर जिला मुख्यालय में क्षेत्रीय जनता अनिश्चितकालिन क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इस ओर कोई सुध नहीं ली गई है। जिससे लोगों का प्रशासन की तरफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
दरअसल, अनशन और आन्दोलन की यह प्रक्रिया दशकों से चली आ रही है। यहां जनता को लगता है कि अगर यहां रेल आ जाये तो आम लोगों के लिए यातायात की सुगम व्यवस्था होगी साथ ही क्षेत्रीय विकास भी तेजी के साथ होगा। बागेश्वर के क्षेत्रीय टनकपुर-बागेश्वर रेल समिती के सदस्य लगातार अपनी इस मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। मामले को लेकर खड़क राम आर्या का कहना है कि 15 अगस्त 2018 से हम लोग क्रमिक अनशन पर बैठे हुये है। हर रोज क्षेत्रीय जनता भी उनके क्रमिक अनशन मे साथ दे रही है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि सरकार द्वारा उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने सरकार से कहा कि अगर शासन ने जल्द उनकी मांगों को नहीं माना तो उनका आंदोलन और उग्र हो जाएगा।
वहीँ सांसद का कहना है कि कुछ सालों आंदोलन सही चल रहा था लेकिन इस समय आंदोलन में सिर्फ राजनीती हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा संसद के हर सत्र दौरान टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन की मांग का प्रश्न हमेशा से उठाता आया हूँ। जिसका नतीजा भी दिख रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग को स्वीकृती मिल गई है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं में इस रेल-मार्ग निर्माण के लिए आगे रेल मंत्रायल से बातचीत की जा रही है।