बागेश्वर: जिले के गरूड तहसील में जारी खनन के खेल में अवैध खनन करने वाले तो महज एक मोहरा हैं। खनन के असली खलनायक तो प्रशासनिक अधिकारी हैं। लोगों का आरोप है कि, अधिकारीयों के मिली-भगत से ही खननकारी अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं।
शिकायकर्ता जीवन सिह खेतवाल का आरोप है कि, 8 जून 2018 को परगना गरूड के ग्राम अकुडाई मे रिवर टेनिग के तहत एक पट्टा जो नीलामी के द्वारा स्वीकृत होना था। उस नीलामी मे, वे और उनकी पत्नी कमला खेतवाल भी सम्मलित थी। जैसा की पहले से तय था, कि पूर्ण औपचारिता के आधार पर ही खनन पट्टे की नीलामी मे सम्मलित हुआ जा सकता था। प्रकाशित विज्ञप्ति के आधार पर 8 जून 2018 को सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच मे नीलामी प्रभारी उप-जिलाधिकारी गरूड की अध्यक्षता में होनी थी। उस दिन वे 2 बजे तक उप-जिलाधिकारी गरूड के कार्यालय मे उपस्थित थे। उस बीच उपजिलाधिकारी गरूड ना ही कार्यालय आये और ना ही उनके कार्यालय का ताला खुला। इसके बाद करीब दो बजे बाद वे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और अपना लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को दिया, कि 2 बजे तक निलामी स्थल पर कोई भी मौजूद नही था।
जीवन सिह खेतवाल ने बताया कि, किस तरीके से खनन माफियाओ से मिल कर उप-जिलाधिकारी गरूड उसी रात 8 बजे को दरबार लगा कर 4 लाख 15 हजार की नीलामी को 4 लाख 65 हजार मे ही दे देते हैं। उन्होंने कहा कि, खुली निलामी में यदि समय व दिन बदला भी जाता है तो सरकारी प्रणाली के आधार पर नोटिस चस्पा या श्रुटी पत्र के माध्यम से दैनिक अखबारों में अग्रिम तिथि व समय को रखने का प्रावधान है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि, उसी रात 8 बजे को खनन पट्टे की नीलामी करने की क्या मजबूरी उप-जिलाधिकारी की थी। यदि राजस्व हित में कार्य किया गया होता तो कुछ समझा जा सकता था, लेकिन यहाँ तो उपजिलाधिकारी गरूड ने औने पैने दामो मे नदी को नीलाम करके अपने नीजी हित के राजस्व को बढाने का काम किया गया है। जिसकी ठोस व गंम्भीर जॉच होनी चाहिये, क्योकि यह जानबूझ कर नीजी लाभ हेतु एवं सरकारी राजस्व को चूना लगाने के उददेश्य से किया गया गया काम है और यह कही से भी संवैधानिक नही है।
मामले में जिलाधिकारी बागेश्वर का कहना है कि, उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में उनके द्वारा उपजिलाधिकारी गरूड को आदेशित किया गया था, कि गरूड ब्लाक के अकुडाई ग्राम मे रिवर टेनिक के तहत उपखनिज निकालने हेतु प्रेस विज्ञप्ति निकालते हुये नियमानुसार टेन्डरीग की कार्यवाही करे। साथ हे उन्होंने कहा कि, इस नीलामी के तहत एक आवेदक द्वारा लिखित रूप मे यह कहना है कि नीलामी का जो समय रखा गया है। उसे बदला गया है। और बदले हुये समय की सूचना उन्हे किसी भी माध्यम से नही दी गयी। और नीलामी को रातो रात अंजाम दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि, उपजिलाधिकारी के इस कार्य को वे गलत मानते हैं। इसके लिए उन्होंने उपजिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मॉगा है। इसके आलावा उन्होंने कहा कि, अभी तक अकुडाई मे कार्य प्रारम्भ करने के आदेश उनके द्वारा नही किये गये हैं। यदि खनन कार्य किया जा रहा है, तो इसकी जाँच जल्द ही करायी जायेगी।