बागेश्वर: बागेश्वर में जनता की आज तीन दशकों से चली आ रही मांग पूरी हो गयी। जिला प्रशासन की अनुमति और पूजा अर्चना के बाद बाबा बागनाथ मंदिर से एतिहासिक नुमाइसखेत मैदान के लिये पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ।
करीब 30 साल से बागेश्वर की जनता को बागनाथ मंदिर से ऐतिहासिक नुमाइसखेत मैदान को जोड़ने वाले पुल का इंतजार था। आज यह इंतजार भी समाप्त हो गया। बीती देर सायं जिलाधिकारी ने निर्माणदायी संस्था लोक निर्माण विभाग को पुल निर्माण की अनुमति दे दी। करीब तीन करोड़ की लागत से बनने वाले पुल को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बरसात के दिनों में सरयू नदी में पानी अधिक रहता है इसलिये इस साल के अंत तक पुल का 60 प्रतिशत तक काम पूरा कर लिया जायेगा। 70 मीटर लंबे और तीन मीटर चौड़े इस पुल के बनने से बागनाथ मंदिर और नुमाइसखेत के क्षेत्र को जोड़ा जा सकेगा। ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले के दौरान नगर पालिका को अस्थाई पुलों की व्यवस्था करनी पड़ती, जिसमें काफी धनराशि खर्च होती थी। इस पुल के बनने से पालिका को भी लाभ मिलेगा। पुल के निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुये स्थानीय विधायक चंदन रामदास ने इसे जनता को बड़ी सौगात बताया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सभी विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास के लिये 10 करोड़ रूपया दिया था जिसमें से उन्होंने तीन करोड़ इस पुल के लिये स्वीकृत किया है।