बागेश्वर: बागेश्वर जनपद के कपकोट ब्लॉक् के कनलगढ़ घाटी के आधा दर्जन गांवों में बढ़ती डिप्थीरिया (गलघोंटू) बीमारी से लोगों में दहशत है। इस इलाके में यह बीमारी अब तक 7 बच्चों की जान ले चुकी है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग बीमारी के कारण और उपचार नहीं खोज सकी है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीणों ने आज सीएमओ कार्यालय में प्रदर्शन किया। विभाग से जल्द बीमारी से क्षेत्र को निजात दिलाने की मांग की।
पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाज़ी की। ग्रामीणों ने कहा कि कई महीनों से क्षेत्र में अज्ञात गलघोटू बीमारी फैली हुई है। पूर्व में जगथाना और चचई गांव में बीमारी का प्रकोप था, अब यह बढ़कर सुमटी, बैसानी, पुड़कूनी, नानकन्यालीकोट, चलकाना सहित क्षेत्र के सभी गांवों में फैल गया है। बीमारी के कारण क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले बच्चों को हल्द्वानी रेफर कर दिया जा रहा है, जहां से बच्चों के शव वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई परिवारों की गोद उजड़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बीमारी की जांच के लिए गंभीर नहीं है। केवल विभाग की टीम गठित करने और शिविर लगाने की ही कार्रवाई की जा रही है।
ग्रामीणों ने विभाग से जल्द स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम गठित करने और बीमारी का उपचार खोजने की मांग की। उन्होंने ग्रामीणों की आर्थिक हालात को देखते हुए डीपीटी का टीका लगाने और प्रभावितों को आपदा अधिनियम के तहत सभी परिवारों कोआर्थिक मदद देने की भी मांग की।
वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गाउँ में डॉक्टरों की टीम लगातार मॅनेटरिंग कर रही है। जिन गाउँ में इस बीमारी के लक्षण दिख रहे है, वहाँ रहने वाले सभी बच्चों वयस्कों को टीके लागये जा रहे है। जिनमें लक्षण आ रहे है, उन बच्चों को ट्रीटमैंट दिया जा रहा है। स्टेट हेल्थ से भी हमने एक स्पेसल जांच एक्सपर्ट्स की मांग की है। जोकि गाउँ में जाकर सभी जांच व रिपोर्ट करेगी।