बागेश्वर: सरकारी फरमान सही तरीके से लागू ना करने का आरोप लगाते हुये भाजपा ने बागेश्वर सीडीओ के तबादले की मांग की। भाजपा जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर यह आरोप लगाया है। पात्र में यह लिखा गया है कि सीडीओ राजनीतिक दल विशेष से प्रभावित होकर काम कर रहे हैं। इसलिये जनहित में उनका तबादला तत्काल कर दिया जाय। पूरे प्रकरण में खास बात है कि मुख्यमंत्री ने भी खुद फैसला ना लेकर शासन को कार्यवाही के लिये जिला अध्यक्ष का लैटर फारवर्ड कर दिया जबकि विधायक ने पत्र में हस्ताक्षर होने के बावजूद पल्ला झाड़ लिया है।
सीडीओ की शिकायत वाला पत्र सरकार और शासन से घूमकर वापस जिलाधिकारी के पास से होते हुये पक्ष जानने के लिये सीडीओ तक पहुंच गया है। निकाय चुनाव की करारी हार के बाद अब भाजपा का लैटर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि बागेश्वर में एक बार फिर पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की कहानी दोहराये जाने की कोशिश की जा रही है। इस बार सीडीओ को मोहरा बनाया गया है। पिछले कुछ समय से मुख्य विकास अधिकारी श्याम सुंदर सिंह पांगती भारतीय जनता पार्टी के आंख की किरकिरी बने हुये हैं।
बताया जा रहा है कि सीडीओ ने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के कामों की जांच करवा दी, साथ ही कुछ कामों को सीधे स्वीकार ना करते हुये ग्राम सभाओं के माध्यम से प्रस्ताव देने को कहा है। भाजपाईयों को यह बात नागवार गुजरी और जिला अध्यक्ष शेर सिंह गाड़िया ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेज दिया। पत्र में कहा है कि सीडीओ दल विशेष की राजनीति से प्रेरित होकर सरकार की योजनाओं को जानबूझकर लागू करने में देरी कर रहे हैं। इसलिये उनका जनहित में तत्काल स्थानांतरण किया जाना चाहिये। जिला अध्यक्ष का पत्र मुख्यसचिव और सचिव से होते हुये जिलाधिकारी तक पहुँच गया है।
जिलाधिकारी ने भी मुख्यविकास अधिकारी से उनका पक्ष मांगा है। खास बात है कि मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बागेश्वर और कपकोट दोनों विधायकों ने भी हस्ताक्षर किये है। पत्र को लेकर कांग्रेस को बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया है। उन्होंने भाजपा की इस चिठ्ठी पर चुटकी लेता हुआ कहा है कि भाजपा राजनीतिक द्वेष भाव से सारे कार्य हो रहे है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व दर्जाधारी मंत्री राजेंद्र टंगड़िया का कहना है कि भाजपाईयों को संगठन चलाना तो आता है लेकिन सरकार चलाना नहीं आता। बे वजह अच्छा कार्य कर रहे अधिकार्रियो को परेशान किया जा रहा है, जोकि सही नहीं है।
वहीँ इस मामले पर भाजपा के स्थानीय विधायक चंदन रामदास का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं दिया है। हो सकता है कि पार्टी ने उनसे कभी साइन करवा लिया हो। वैसे भी अधिकारियों को सरकार की रीति और नीति के अनुसार ही काम करना चाहिये।