नई दिल्ली: सचिव पर्यटन, उत्तराखंड शासन दिलीप जावलकर द्वारा कल नई दिल्ली स्थित अशोक होटल में देश भर के शीर्षस्थ सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के प्रतिनिधियों के सम्मुख श्री बद्रीनाथ मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं दूरगामी विजन की छत्रछाया में बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत बद्रीनाथ धाम को ‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित करने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बैठक आयोजित की गई थी।
उन्होंने ऊर्जा, कोयला, पेट्रोलियम तथा जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एचपीसीएल, ओएनजीसी, एनटीपीसी, पीएफसी, टीएचडीसी, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया लिमिटेड, एनएचपीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन तथा भारत पैट्रोलियम आदि पीएसयू के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि मास्टर प्लान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन तथा स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि श्री बद्रीनथ धाम नर और नारायण पर्वत के बीच स्थित भारतवर्ष के प्रमुख चार धामों में से एक है और श्रद्धालुओं का परम प्रिय धार्मिक गंतव्य है। प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पर दर्शनार्थ आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या, सीमित संसाधनों तथा भौगोलिक प्रतिबंधों के कारण यह आवश्यक हो गया है कि अब इस पवित्र धाम की क्षमता को बढ़ानेे के लिए इसेेेे एक मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जाए।
तत्पश्चात उनके द्वारा बद्रीनाथ मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न कार्यों यथा: मंदिर परिसर विकास, प्लाजा विकास, रोड निर्माण, घाटों के निर्माण, कमांड कंट्रोल सेंटर, स्ट्रीट फसाड, रोड एलाइनमेंट तथा भीड़ प्रबंधन पर एक भव्य animated प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के पश्चात सचिव पर्यटन द्वारा पीएसयू के प्रतिनिधियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया गया कि निर्माण कार्यों में अधिप्राप्ति नियमों तथा सीएसआर निर्देशों का पूर्णत: पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकांंश निर्माण कार्य सरकारी भूमि पर प्रस्तावित हैं तथापि यदि निजी भूमि की आवश्यकता पड़ती हैै तो भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में स्थानीय निवासियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। कतिपय पीएसयू के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि इस संबंध में उनके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।
सचिव पर्यटन ने कहा कि श्री केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट ही श्री बद्रीनाथ मास्टर प्लान योजना के लिए एक नोडल संस्था के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने इस विराट उद्देश्य की प्राप्ति हेतु भूदान तथा धन दान हेतु निजी व्यक्तियोंं का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप प्रदान होने पर श्री बदरीनाथ धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकसित होने से जहां पर्यटक एक बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकेंगे, वहीं इससे स्थानीय लोगों अच्छी आमदनी वाले रोजगार प्राप्त हो सकेंगे। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को उत्कर्ष प्रदान करने वाली परियोजना सिद्ध होगी।
इस अवसर पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ प्रबंधकों में एचपीसीएल एस सुब्बा राव, ओएनजीसी के एस.एस. प्रतिभान एवं डी.के. सिंह, एनटीपीसी के डी.के. पटेल, पीएफसी के आर. मुरारी, टीएचडीसी के आर.एन. सिंह, कोल इंडिया के एच. एस. मिश्रा, एनएचपीसी के आर. के. अग्रवाल एवं विश्वजीत बासु, ऑयल इंडिया लिमिटेड के अपूर्व चतुर्वेदी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के एल.एल. खोंगसाई बीपीसीएल के डी.आर. गोखले एवं रजनीश वर्मा आदि उपस्थित रहे।
उत्तराखंड सरकार की ओर से अपर स्थानिक आयुक्त इला गिरी, जनसंपर्क अधिकारी कमल किशोर जोशी, वरिष्ठ व्यवस्था अधिकारी उत्तराखंड सदन रंजन मिश्रा तथा सूचना अधिकारी अंजू धपोला आदि उपस्थित रहे।