बद्रीनाथ: बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार को शाम करीब 5 बजे शीतकाल के लिए 6 माह के लिए बंद हो जायेंगे। भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद की तैयारियां भी अनुष्ठान की तरह होती है। रविवार को भगवान के कपाट बंद होने से शनिवार को भगवान का मंदिर और सिंहद्वार हजारों फूलों से सजाया जा रहा है। कपाट बंद होने से पहले भगवान का पुष्प श्रृंगार होगा।
बद्रीनाथ में कपाट बंद होने की प्रक्रियाओं में अदभुत और ऐसी लोक मान्यताऐं हैं। जो हिन्दू मान्यता व धर्म के साथ साथ लोक जीवन से भी जुड़ी हैं। बद्रीनाथ में धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ लोक मान्यताओं का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। इस लोक मान्यता का सम्मान करते हुए कपाट बंद होने से पूर्व उद्धव जी का विगृह भगवान के निकट से बाहर ला कर डोली में जाता है। और उसके बाद लक्ष्मी जी को भगवान के सानिध्य में बैठाया जाता है। बद्रीनाथ में तप करने वाले संत दंडी स्वामी राघवानंद कहते हैं कि लोक मान्यता का निर्वहन अनादि काल से हो रहा है।