बद्रीनाथ: देश व प्रदेश के चार धामों में एक विश्वप्रसिद्ध बद्रीनाथ के बारे में भला कौन नहीं जनता। यह हिन्दुओं के आस्था का प्रतीक और खूबसूरत पहाड़ी पर्यटन के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। देश-विदेश से हर साल हजारों श्रद्धालु व पर्यटक यहाँ आते हैं। आस्था के साथ-साथ प्रदेश के राजस्व में भी इस धाम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस आस्था केंद्र में शासन-प्रशासन को व्यवस्था बनाने में काफी मस्सकत करनी पड़ती है। लेकिन इस बार धाम में यात्रियों व गरीब यात्रियों की परेशानियाँ और बढ़ सकती है। दरअसल जब यात्रा अपने चरम पर होगी उस समय पर बांगड़ समाज द्वारा प्रशासन से कथा करने के लिए परमिशन मांगी गयी है साथ ही बाबा अवधेश आनंद द्वारा भी कथा के लिए परमिशन मांगी गयी है। यदि धाम में यात्रा के समय कथा की परमिशन मिल जाती है तो ऐसे में यहाँ आने वाले यात्रियों को जरुर परेशानी होने वाली है। हालाँकि हेल्लो उत्तराखंड न्यूज़ से बातचीत में जिले के CDO विनोद गिरी गोश्वामी ने बताया कि अभी इस पर विचार चल रहा है, विचार के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जायेगा। गौरतलब है कि पिछले साल भी केदारनाथ धाम में बाबु मोरारी के इस तरह के आयोजन से ठहरने की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई थी और तब भी वहां पर आम लोगों को ठहरने के लिए बमुश्किल कमरे मिल पा रहे थे, और वो भी ऊँचे दामों पर। आलम यह था कि एक कमरे के लिए यात्रियों को आठ से दस हज़ार रूपये तक की राशि चुकानी पड रही थी।
वहीँ हेल्लो उत्तराखंड न्यूज़ से बातचीत में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज सतपाल महाराज ने बताया कि ‘यदि इस तरह के आयोजन होते हैं तो उनका संचालन करने में प्रशासन पूरी तरह सक्षम है। ‘ इसके आलावा बद्री-केदार समिति के CEO बी.डी. सिंह ने कहा कि समिति की ओर से यात्रा के समय होने वाली विभिन्न परेशानियों की संभावनाओं से प्रशासन को अवगत कराया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा पुलिस व तमाम बुनियादी सुविधाओं को पूर्ण रूप से उपलब्ध कराया जाता है तो समिति को कोई आपत्ति नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन यात्रा के समय से अलग होने चाहिए, जिससे यात्रा के समय होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।