रानीखेत: पर्यटक नगरी रानीखेत का जो ऐतिहासिक चौबटिया गार्डन सेब के लिए जाना जाता था, वह अब बदहाली की कगार पर पहुँच चुका है। यहाँ का एक समय था जब पेड़ सेब से लदे रहते थे। यहां सेबों को ट्रकों में भरकर दूर-दूर तक बिकने के लिये भेजा जाता था। लेकिन अब पुराने पेड़ों को काट दिये जाने से सेब, आडू़, खुबानी की पैदावार समाप्त हो गई है।
पर्यटक सीजन में हजारों की संख्या में देश-विदेश के पर्यटक यहाँ घूमने आते रहे हैं, लेकिन अब गार्डन को देखकर निराश लौट जाते हैं। र्गाडन में अब देखने को ऐसा कुछ नहीं मिलता है, जिससे पर्यटक आकर्षित हो सके। इस राजकीय उद्यान के साथ ही उत्तराखण्ड का निदेशालय भी यहीं पर है। जिसके निदेशक ज्यादा समय देहरादून में ही बिताते हैं। वहीं उद्यान अधीक्षक चन्दन राम का कहना है कि, उद्यान में अधिकतम पेड़ जीर्ण-क्षीण अवस्था में हो चुके हैं, जो टैम्प्रेचर सेब को चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है, जिससे फल की पैदावार कम हो गई है। लेकिन अब विदेशी प्रजाति के सेब व अन्य फलों की कई प्रजाति की नई पौध लगाई गई है, आने वाले 2-4 सालों में उद्यान में फलों की अच्छी पैदावार होगी।