देहरादून: जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष और जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री पर एक बार फिर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि खनन घोटाले के खुलासे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत घबरा गए हैं। उनको डराने के लिए सीएम ने हमलावर भेजे। नेगी ने कहा कि उनकी प्रेस वार्ता के दौरान 7-8 हमलावर भेजे गए थे, जिसके बारे में मोर्चा ने राज्यपाल को पत्र भेजा है।
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि सत्ता सम्भालते ही उन्होंने प्रदेश में स्वीकृत समस्त प्रकार के खनन पट्टे/स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लान्ट/हाॅटमिक्स/भण्डारण इत्यादि को दिनांक 9 मई को निलंबित कर दिया था। इनकी जांच करएक माह के भीतर रिपोर्ट शासन को देने के निर्देश दिए थे, लेकिन आठ महीनों तक प्रदेश में खनन कारोबार बन्द रहा। शासन को रिपोर्ट भी नहीं दी गई, जिससे प्रदेश को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा।
उनका आरोप है कि इस आदेश की आड़ में प्रदेश में पूर्व से संचालित अन्य खनन कारोबार भी प्रभावित रहा और परीक्षण की आड़ में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सैकड़ों-करोड़ की डील कर डाली तथा प्रदेश को खनन माफियाओं के हाथों गिरवी रख दिया। नेगी ने कहा कि इसको लेकर उस वक्त भी हमने कहा था कि जल्द ही खनन माफियाओं और सीएम की मिलीभगत का सुलासा किया जाएगा। उनका आरोप है कि इसी अशंका से भयभीत होकर मोर्चा की 28 जुलाई को प्रस्तावित प्रेसवार्ता में लगभग 7-8 हमलावर भेजे थे, जो कि किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के उद्देश्य से आये थे, लेकिन मोर्चा ने अपनी रणनीति के तहत उनको कामयाब नहीं होने दिया। उन्होंने राज्यपाल से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।