बाल आयोग और बाल कल्याण समिति विवाद मामले में गंभीर नहीं सरकार

Please Share

देहरादून: उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग और देहरादून बाल कल्याण समिति की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर आराप-प्रत्यारोपों का रौर जारी है। इन सबके बीच इस पूरे मामले में सरकार खासकर बाल कल्याण विभाग की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इतना सबकुछ होने के बावजूद बाल कल्याण विभाग इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है। आरोपों के बीच एक आश्रम से कुछ बच्चों के गायब होने का जिक्र भी किया गया है। मामला पुलिस के संज्ञान में है, फिर पुलिस चुप है।

दरअसल, पिछले दिनों एक टीवी चैनल ने बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा के खिलाफ एक खबर चलाई थी। जिसमें एक युवति चैनल पर कविता शर्मा पर गंभीर आरोप लगाती नजर आई। इस प्रकरण के तुरंत बाद बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी एसआई गठन कर जांच कराने की मांग कर दी। इसके बाद बाल कल्याण समिति की ओर से भी कई दस्तावेज सामने लाए गए। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष का आरोप है कि उनको पद से हटाने के लिए यह सब साजिशन किया जा रहा है। जबकि बाल आयोग अध्यक्ष का आरोप है कि ये गलत हो रहा है।

इस मामले में कौन सही है और कौन गलत। फिलहाल इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है, लेकिन मामला बच्चों से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर और संवेदनशील है। ऐसे में सरकार और पुलिस को भी इस मामले को गंभीरता लेना चाहिए। हालांकि अब तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कुछ करती है या फिर ये पूरा मामला ऐसे ही आरोपों तक सिमट कर रह जाएगा।

You May Also Like