नई दिल्ली: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मारी गई बाघिन अवनि का मामला राजीनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि अवनि की मौत की जिम्मेदारी तय करते हुए मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को वन और पर्यावरण मंत्रालय से हटाये जाने की मांग की है।
मेनका गांधी का कहना है कि पर्यावरण मंत्री सुधीर मुनगंटीवार संवेदनशील होते तो बाघिन अवनि को बचाया जा सकता था। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि ‘मैं लगातार 2 महीने से इस मुद्दे पर उनसे बात कर रही थी। अगर कोई वन और पर्यावरण मंत्री जानवरों को बचाने की बजाय उनको मारेगा, तो मतलब साफ है कि वह अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में असफल है। यह उसी तरह से है, जैसे एक महिला और बाल विकास मंत्री चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए काम करे।’
मेनका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह तीसरा बाघ है जिसे मारा गया है। इसके अलावा दर्जनों तेंदुए और 300 से ज्यादा जंगली जानवरों को मारा गया है। जब से मुंगतिवार मंत्री बने हैं तब से वह जानवरों को मरवा रहे हैं।’ उन्होंने वन मंत्री के इस बयान को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि हंटिंग टीम पर बाघिन ने हमला किया था जिसके बाद उसे मारा गया। मेनका ने महाराष्ट्र के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक एके मिश्रा के उस मेसेज का हवाला दिया जिसमें उन्होंने लिखा था, बाघिन जब सड़क पर थी तब टीम ने उसे मारा। मेसेज में टीम के घबराने वाली बात लिखी है लेकिन यह कहीं नहीं लिखा है कि टीम पर बाघिन ने हमला किया था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में आतंक का पर्याय बन चुकी टी1 बाघिन के करीब एक साल तक चली खींचतान और खोज अभियान के बाद 2 नवंबर की रात मार गिराया गया था। यहां के पांढरकवडा में एक के बाद एक इंसानों पर लगातार हो रहे हमलों के चलते नरभक्षी बाघिन की तलाश शुरू की गई थी। बता दें, इस खोज अभियान में 200 से ज्यादा लोगों को लगाया गया था, साथ ही हाथियों और पैराग्लाइडर्स तक की मदद ली गई थी। बाघिन को मारा जाए या नहीं, इसे लेकर कोर्ट की ओर से भी कई बार हस्तक्षेप किया गया था। कोर्ट ने बाघिन को बेहोश करने का आदेश दिया था। इस नरभक्षी बाघिन ने 13 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया था।