बागेश्वर शहर में पिछले एक माह से नगर पालिका की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। जिससे नगर में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है। बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। 14 सितम्बर तक चलने वाले स्वछता पखवाड़े के दौरान जिला प्रशासन और नगरपालिका जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए अभियानचलाए हुए है।
वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका द्वारा करीब एक माह से कूड़ा नहीं उठने से नगर में जगह- जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। आलम यह है कि नगर पालिका द्वारावार्डों में लगाये गए कूड़े दान पूरी तरह कचड़े से भर गए हैं। और अब कूड़ा सड़कों की और रास्तों में फैल रहा है। नगर के ठाकुरद्वारा, चौरासी, भागीरथी, नुमाइसखेत, तहसील रोडजैसी जगहों में कूड़े के ढेर लगे हैं। लंबे समय से पड़े कूड़े के ढेरों से दुर्गंध फैल रही है। साथ ही नियमों को दरकिनार करते हुए सार्वजनिक जगहों पर ही कूड़े को जला दिया जा रहा है। आपको बता दे की कूड़े के ढेर से उठता जहरीला धुंआ गंभीर बेमारियों को दावत दे रहा है। जिसके कारन लोगो में भारी रोष हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि एक ही दिन में ही कूड़ेदानों में काफी कूड़ा जमा हो जाता है। ऐसे में नगर निग़म को हर रोज कूड़ा उठाना चाहिए लेकिन यहाँ एक महीने से कूड़ा ऐसी पड़ा हुआ हैं
वहीं इस अव्यवस्था को लेकर नगर पालिका के ईओ राजदेव जायसी का कहना है। कि वर्तमान में नगरपालिका में स्वच्छकों के 51 पद सृजित हैं। लेकिन पालिका के पास मात्र 31 स्वच्छक ही हैं। पालिका द्वारा व्यवस्था बनाने के लिए कुछ कर्मियों को दैनिक वेतन पर रखा गया था। लेकिन शासन के निर्देश पर इन्हें हटा कर आऊट सोर्सिंग से रखने का प्रयास किया गया। जिसका कुछ स्वच्छकों ने विरोध किया है।
इसी के चलते यह समस्या पैदा हुई है। वहीं कर्मियों की कमी के चलते नगर पालिका के कूड़ा वाहन भी खड़े हैं। उन्होंने कहा कि दो से चार दिन के भीतर ही व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा। सार्वजनिक जगहों पर कूड़ा जलाए जाने पर ईओ ने इसका ठीकरा अराजक तत्वों पर फोड़ते हुए कहा कि हमारे द्वारा सफाई कर्मियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि सार्वजनिक जगहों पर कूड़ा ना जलाएं। अगर इस तरह की कोई भी शिकायत मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जहां एक तरफ स्वच्छ भारत मिशन के लिए तरह- तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं वहीं