प्रयागराज: साल 2005 में अयोध्या में हुए आतंकी हमले के मामले में प्रयागराज की विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, कोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है। 5 जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले में 2 लोगों की मौत हो गई थी।
बता दें कि 2005 में रामजन्म भूमि परिसर में आतंकी हमला हुआ था, जिनके आरोपियों पर आज फैसला सुनाया गया है। ये फैसला प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में सुनाया गया है। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज SC/ST दिनेश चंद्र ने की है। मामले में 5 आरोपी पिछले काफी समय से नैनी सेंट्रल जेल में ही बंद हैं।
मालूम हो कि 5 जुलाई 2005 में हुए आतंकी हमले में दो लोग मारे गए थे, तो वहीं कुछ सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए थे। मामले में पांच आरोपी डॉ. इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद अजीज और फारुक जेल में बंद है। फैसले के मद्देनजर अयोध्या और नैनी जेल में सुरक्षा को पुख्ता किया गया था। पिछले 14 साल से मामले में सुनवाई और ट्रायल चल रहा था। एक लंबी सुनवाई के बाद जज ने 18 जून की तारीख फैसले के लिए तय की थी। जांच के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को साजिश रचने, आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जिन आतंकियों ने हमला किया था, उन्हें तभी ढेर कर दिया गया था। 14 साल की सुनवाई में कुल 63 लोगों से पूछताछ हुई, कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई।
5 जुलाई 2005 को हुआ ये हमला तब हुआ था जब रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद कॉम्पल्केस पुख्ता सुरक्षा में था। लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने इसे निशाना बनाया। सभी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने एक ही घंटे के अंदर आतंकियों को ढेर कर दिया था और किसी बड़े खतरे को टाल दिया था। आतंकी बतौर भक्त अयोध्या में घुसे, पूरे इलाके की रेकी की और टाटा सूमो में ही सफर किया। हमले से पहले आतंकियों ने राम मंदिर के दर्शन भी किए थे। गाड़ी में ही सवार होकर आतंकी रामजन्मभूमि परिसर में आए और सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए घुस गए, वहां पर ग्रेनेड फेंक हमला किया।