देहरादून: अविरल गंगा के लिए बीते 112 दिनों से अनशनरत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रो. जी. डी. अग्रवाल) का एम्स ऋषिकेश में गुरुवार को निधन हो गया। स्वामी सानंद को बुधवार को हरिद्वार प्रशासन ने एम्स में भर्ती कराया था। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को स्वामी सानंद अपना शरीर दान कर गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक कमजोरी और हार्ट अटैक से स्वामी सानंद का निधन हुआ है।
बता दें कि लगातार कई महीनों से अनशन पर बैठे स्वामी सांनद ने मंगलवार को जल भी त्याग दिया था। स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद 22 जून से गंगा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर अनशन पर थे। ये आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर भी रह चुके हैं। इनका नाम प्रो, जीडी अग्रवाल था। स्वामी सानंद गंगा से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार को पहले भी कई बार आगाह कर चुके थे और इसी साल फरवरी में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख गंगा के लिए अलग से क़ानून बनाने की मांग की थी। कोई जवाब ना मिलने पर 86 साल के स्वामी सानंद 22 जून को अनशन पर बैठ गए थे। इस बीच दो केंद्रीय मंत्री उमा भारती और नितिन गडकरी उनसे अपना अनशन तोड़ने की अपील की थी, लेकिन वो नहीं माने।
बता दें कि स्वामी सानंद ने वाराणसी जिले में पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए भी काफी योगदान दिया है। वह सोनभद्र में गोविंदपुर स्थित वनवासी सेवा आश्रम से भी जुड़े थे। अविरल व निर्मल गंगा के लिए वह लंबे समय से आंदोलन को धार देने में जुटे हुए थे। इससे पहले भी गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए दो संतों ने संघर्ष करते हुए अपने शरीर का त्याग किया है।