पिथौरागढ़ : पिछले एक महीने से कैश की किल्लत से जूझ रहा है पिथौरागढ़ शहर के बंद पड़े एटीएम कैश की किल्लत का कारण बने हुए है। आलम यह है कि पिछले एक महीने से जिले के तमाम एटीएम ने पैसा उगलना बंद कर दिया है जिसके कारण लोग पाई-पाई को मोहताज हो चुके है। ऐसे में जहाँ नए साल का जश्न फीका पड़ता नजर आ रहा है वही करेंसी के संकट से कारोबार भी चौपट होने लगा है।
पिथौरागढ़ का नगर क्षेत्र हो या तहसीलें या फिर छोटे कस्बे सभी जगह कैश के लिए हाहाकार मचा हुआ है। आलम ये है कि जिले के सैकड़ों बैंक और एटीएम नकदी नहीं होने के चलते पिछले एक माह से शो-पीस बने हुए हैं। बैंकों के पास नगद धनराशि नहीं होने से जहां लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं प्राइवेट कारोबार भी चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है। विकराल रूप ले चुकी इस समस्या को लेकर बैंक कुछ भी बोलने को तैयार नही है। जबकि प्रशासन आरबीआई को कई बार फटकार लगाने के बाद अब लाचार सा नजर आ रहा।
असल में पिथौरागढ़ जिले को नगद कैश आरबीआई की कानपुर ब्रांच जारी करती है। लेकिन पिछले कई दिनों से यहां कैश नही पहुंच पा रहा है। नियमों के मुताबिक बॉर्डर जिलों में नगद कैश की रत्ती भर भी कमी नहीं होनी चाहिए और ना ही ऐसे जिलों में पुरानी करेंसी बाजार में होनी चाहिए। बावजूद इसके यहां लोग पाई-पाई को मोहताज हैं। एक महीने से गहराए करेंसी संकट को लेकर जहाँ यूकेडी केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है वही केंद्र सरकार के प्रतिनिधि इस संकट से पूरी तरह अंजान है।
पिथौरागढ़ में नगदी के टोटे से चम्पावत और बागेश्वर जिले भी प्रभावित हो रहे हैं। संकट के वक्त में इन जिलों में पिथौरागढ़ से ही नगदी की कमी दूर की जाती है। ऐसे में लाख टके का सवाल ये है कि नए साल का जश्न मनाने के लिए भी क्या बॉर्डर में बसे लोगों को अपने ही पैसों के लिए तरसने को मजबूर होना पडेगा।