देहरादून: कोतवाली नगर के अंतर्गत स्कीमर से डेटा चोरी कर फर्जी एटीएम क्लोन बनाकर एकाउंट से लाखों रूपये निकालने वाले अन्तराज्य गैंग का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने 3 अभियुक्तों को डिवाइसेस के गिरफ्तार किया है।
मामले के अनुसार, 21 दिसंबर को थाना कोतवाली नगर पर सिमरनजीत सिंह पुत्र हरजीत सिंह निवासी 135 धामावाला देहरादून ने आकर लिखित शिकायत दी कि, उनका एक खाता सिमरन ज्वेलर्स के नाम से एसबीआई शाखा कचहरी देहरादून से 21 दिसंबर की सुबह इनके मोबाइल पर 2 लाख 5 हज़ार रुपये खाते से निकलने का मैसेज देखा। लेकिन उन्होंने कोई भी पैसा एकाउंट से नही निकाला और एटीएम भी उनके पास है।
तब इन्होंने बैंक जाकर खाते की स्टेटमेंट्स निकलवाई जिसमे रोहिणी दिल्ली के एटीएम से उक्त रुपये निकले गए हैं। इस सूचना पर थाना पर तत्काल उचित धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया। पुलिस टीम द्वारा उक्त प्रकार की पूर्व में हुई घटनाओ में प्रकाश मे आये अभियुक्तगणो के संबंध में जनपद के जिला अपराध शाखा से जानकारी प्राप्त की गई, उनका सत्यापन किया गया। फलस्वरूप कोई विशेष सफलता नही मिल पाई, तत्पश्चात वादी के एकाउंट की डिटेल्स का गहनता से अवलोकन किया गया तो रोहिणी दिल्ली से एक एटीएम से रुपयों की निकासी होना पाया गया। टीम द्वारा उक्त एटीएम की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त की गई, तो दो व्यक्ति पैसों की निकासी करते हुए देखे गए तथा तभी फुटेज से ये भी जानकारी मिली कि इनके द्वारा पैसे निकालने के बाद नगद रुपये को दूसरे सीडीएम (कैश डिपोसिट मशीन) से किसी एकाउंट में इनके द्वारा नगद पैसा ट्रांसफर किया गया।
संबंधित बैंक में जाकर उक्त ट्रांजेक्शन के एकाउंट की जानकारी की गई तो उक्त एकाउंट किसी बबिता निवासी हिसवा जिला नवादा विहर के नाम से पाया गया। जिसमे 5000 रुपये का अभियुक्तो द्वारा ट्रांसफर किया गया था, उक्त पते को वेरिफाई करने के लिए टीम तत्काल दिल्ली से नवादा बिहार पहुची। यहां पर उक्त महिला से जानकारी मिली कि उक्त खाते को उसका भाई रोहित उर्फ चमन इस्तेमाल करता है।
9 जनवरी को रोहित उर्फ चमन को स्थानीय थाना हिसवा में पूछताछ की गई तो जानकारी मिली कि रोहित दो दिन पहले ही दिल्ली से आया है। इसके दो साथी और हैं, इसी के ग्राम का आयुष कुमार जो कि दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है, और उसका दोस्त रंजीत सिंह जो देहरादून में मोती महल होटल में वेटर का काम करता है। तीनो ने ज्यादा पैसा कमाने की योजना बनाई। आयुष ने स्कीमर ऑनलाइन मंगाया और रंजीत को स्कीमर देकर उसको अच्छे से समझाकर होटल में भेज दिया था। वहाँ पर रंजीत द्वारा एक व्यक्ति के एटीएम को स्कीमर में लगाकर उसका डेटा ले लिया था और जब वह व्यक्ति स्वाइप मशीन में अपना कोड नम्बर डाल रहा था तो उसका कोड भी रंजीत ने देख लिया था। उसके बाद वह स्कीमर आयुष को दे दिया था, आयुष ने उस स्कीमर से क्लोन एटीएम तैयार कर फिर हम दोनों द्वारा रोहिणी में ही एक एटीएम से पैसे चेक किये। उस खाते में 2 लाख 5 हज़ार रुपये थे, सभी पैसों को निकाल लिया था, और पैसे आपस मे बांट लिये थे। तभी उनमे से 5 हज़ार रुपये मेरे द्वारा अपनी बहन के एकाउंट में सीडीएम से कैश डाल दिये थे। उक्त जानकारी के आधार पर रोहित उर्फ चमन को गिरफ्तार किया गया तथा लोकल न्यायालय में ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाकर 12 जनवरी को न्यायालय में पेश किया गया।
उसके बाद जरिये पुलिस सूत्र सूचना मिली कि अन्य दो एटीएम स्वेपिंग से संबंधित अभियुक्त देहरादून में है, और दिल्ली जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर आने वाले है। इस सूचना पर तत्काल टीम रेलवे स्टेशन पर पहुची और मुखविर व फुटेज से प्राप्त फ़ोटो से पहचान कर उक्त दोनों को भी शनिवार को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई। इनके कब्जे से स्कीमर आदि अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस बरामद हुई है, अभियुक्त गणो को आज न्यायालय पेश किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त गण में रंजीत सिंह पुत्र पिंटू सिंह निवासी कुष्ठ आश्रम देवी तालाब चौक जालंधर पंजाब
हाल किरायेदार लास्ट इंदर रोड शिवपुरी कॉलोनी, नियर लष्मीदेवी स्कूल रोटरी क्लब थाना रायपुर, उम्र 28 वर्ष, आयुष कुमार पुत्र अनमोल कुमार निवासी ग्राम दौलतपुर थाना सीतामढ़ी जिला नवादा, बिहार, हाल पता मकान नंबर 117, गली नवम्बर 111, थाना बुराड़ी, नई दिल्ली उम्र 21 वर्ष व रोहित उर्फ चमन कुमार पुत्र सुनील कुमार निवासी उपरोक्त उम्र 19 वर्ष शामिल है।
इनसे मैग्नेटिक कार्ड रीडर-1, वाईफाई कैमरा मय एंटीना-1, कार्ड रीडर पार्ट्स (बेटरी, मैग्नेटिक, रीडर हेड, स्टिकर), पोर्टेबल एटीएम कार्ड रीडर-1, बैंक एटीएम कार्ड-3, एसबीआई डेबिट कार्ड-1 बरामद की गई है।
पूछताछ पर अभियुक्त रंजीत ने बताया कि यह 10वीं पास है, अपनी पत्नी व 1 बच्ची के साथ उक्त पते पर रहता है, यह करीब 4-5 साल से रह रहा है। मुख्यरूप से हॉस्पिटल से जब कोई मरीज घर पर जाता है तो होम केयरिंग का काम करता था। 10-12 हज़ार रुपये ही कमा पता था, इसी बीच इसका दोस्त आयुष अपने एक अन्य साथी रोहित उर्फ चमन के साथ करीब 1 महीना पहले देहरादून आया था। उसके घर पर ही रुककर आयुष ने ज्यादा पैसा कमाने की बात कहकर स्कीमर की योजना बताई थी, जिस पर सभी ने सहमति देकर आगे रंजीत को किसी होटल में काम करने के लिए कहा गया, तो रंजीत होटल मोती महल में बेटर की नोकरी पर लग गया और आयुष द्वारा दिये गए स्कीमर को अपने साथ रख लिया और टारगेट की तलाश में रहने लगा। एक दिन एक सरदार आये जो कि नशे की हालत में थे तभी एटीएम से स्वाइप के दौरान रंजीत ने स्कीमर में भी डेटा ले लिया और कोड को वादी द्वारा डालते वक़्त बड़ी सावधानी से देख कर नोट कर लिया। उसके बाद यह स्कीमर को लेकर खुद दिल्ली चला गया। आयुष ने स्कीमर के डेटा से एटीएम क्लोन तैयार किया और तीनों के द्वारा एटीएम से पैसा निकाल लिया, और आपस में बाँट लिया। इसने आयुष द्वारा ही सभी डिवाइसेस का इंतेज़ाम किया था, स्कीमर ऑनलाइन मंगाया गया था। आयुष व रोहित दोनों एक ही ग्राम के रहने वाले हैं, दोनों दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में ये सब इन्होंने विक्की नाम के लड़के से सीखा था। इनके द्वारा अन्य शहरों में भी एटीएम पर स्कीमर लगाकर क्लोन एटीएम तैयार कर पैसा निकालने की अन्य घटनाओ के बारे में भी जानकारी दी है। इन्होंने ये भी बताया कि आयुष और रंजीत मेरठ में दोनों एक साथ पढ़ते थे। तभी इनकी दोस्ती हो गयी थी तब से दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे तथा अब तक जो भी पैसा कमाया गया वह इन्होंने खर्च कर दिया है। इनके द्वारा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गयी है।